दिल्ली-एनसीआर

अदालत ने मैक्स अस्पताल को ऑपरेशन में हुई लापरवाही को लेकर हर्जाना देने का फैसला सुनाया

Admin Delhi 1
21 Sep 2022 2:26 PM GMT
अदालत ने मैक्स अस्पताल को ऑपरेशन में हुई लापरवाही को लेकर हर्जाना देने का फैसला सुनाया
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नैनीताल कोर्ट रूम न्यूज़: जिला उपभोक्ता आयोग, नैनीताल ने बुधवार को तीन मामलों में निर्णय सुनाया। पहले वाद में मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग नई दिल्ली द्वारा परिवादिनी के पति के सिर में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन करने के दौरान ट्यूमर का एक हिस्सा उनके सिर में ही छोड़ देने पर 12 लाख का हर्जाना लगाया गया। चिकित्सीय लापरवाही और अनुचित व्यापारिक व्यवहार मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर पर संयुक्त अथवा पृथक रूप में पीड़ित को 10 लाख का मुआवजा अदा करने का आदेश पारित किया। आयोग ने सुनवाई में कहा कि अस्पताल द्वारा दिल्ली में मरीज के सिर के ट्यूमर का ऑपरेशन लापरवाही से किया गया, जिसके बाद हल्द्वानी वापस आकर उसकी तबीयत बिगड़ने से उसे बरेली में एमआरआई व उपचार कराना पड़ा। इसलिए मैक्स अस्पताल द्वारा ऑपरेशन के लिए 3 लाख रुपये में से आधी रकम परिवादिनी को देने के साथ ही मानसिक वेदना तथा वाद व्यय के लिए 50 हजार अलग से हर्जाना देना पड़ेगा। यह राशि 45 दिन की अवधि के भीतर अदा करने के आदेश दिए।

आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजय लक्ष्मी थापा, सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने एक अन्य वाद में मेडीक्लेम पॉलिसी के नवीनीकरण में 14 दिन का विलंब होने और बाद में पॉलिसी को प्रपोजल फार्म में परिवादी के बीमारी के पहले से होने के आधार पर निरस्त किये गये बीमा क्लेम को अपात्र करार देने पर निर्णय सुनाया, जिसमें विपक्षी स्टार हेल्थ एंड एलाईड इंश्योरेंस कंपनी को परिवादी द्वारा ली गई प्रारंभिक बीमा पॉलिसी की बीमित राशि 5 लाख रुपये का भुगतान मय मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति व वाद व्यय रुपये 25 हजार आदेश के 45 दिनों के अंदर देने का आदेश सुनाया गया।

एक अन्य मामले में सर्वर डाउन होने पर एसबीआई बैंक हल्द्वानी को परिवादिनी को 20 हजार का जुर्माना लगाया गया। वाद में बताया गया कि एटीएम में कार्ड स्वैप करने पर ग्राहक के चले जाने के बाद मशीन द्वारा 20 हजार रुपये की रकम निकलने पर उसे अन्य व्यक्तियों द्वारा उसे उठा दिया गया। जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा इसे बैंक की लापरवाही व सेवा में कमी माना गया और इस मामले में बैंक को पीड़ित को 20 हजार रुपये की रकम को मय ब्याज 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से एटीएम मशीन से परिवादिनी के खाते से निकालने के बाद से उसको भुगतान किये जाने की तिथि तक जोड़कर वापस अदा करने का आदेश सुनाया गया।

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