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सुपरटेक ट्विंस टावर को गिराने का काउंटडाउन शुरू: उठेगा 60 मंजिल ऊंचा धूल का गुबार

Admin Delhi 1
27 Aug 2022 7:05 AM GMT
सुपरटेक ट्विंस टावर को गिराने का काउंटडाउन शुरू: उठेगा 60 मंजिल ऊंचा धूल का गुबार
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा की एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में सुपरटेक बिल्डर के अवैध ट्विंस टावर को गिराने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है अब चंद घंटों का वक्त बाकी है 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे विस्फोट के जरिए एपेक्स और सियान टावर ध्वस्त कर दिए जाएंगे। इमारतों को ध्वस्त करने वाली कंपनी के निदेशक और ध्वस्तीकरण विशेषज्ञ आनंद शर्मा ने बताया कि जिस समय विस्फाेटक से दोनों टावरों को गिराया जाएगा तो उसके मलबे से करीब 60 मंजिल ऊंचा धूल का गुबार उठेगा। यह आसपास के कुछ क्षेत्र को अपनी गिरफ्त में लेगा, लेकिन आसपास की इमारतों को इससे बचाने के लिए वाटर जैट, फायर टेंडर और फव्वारों का इंतजाम किया गया है। धूल के गुबार का असर करीब 15 मिनट तक रहेगा।

शहर में पश्चिम की ओर जाएगी धूल: यह हवा की गति पर भी निर्भर करेगा कि धूल का प्रवाह हवा के साथ किस ओर होगा। मौसम विभाग से मिले पूर्वानुमान के मुताबिक 28 अगस्त को हवा पश्चिम दिशा की ओर प्रवाह करेगी। लिहाजा, धूल शहर के पश्चिमी हिस्से की ओर जाएगी। टावर ध्वस्त होने से उठने वाली धूल का मुद्दा प्रदूषण के लिहाज से अहम है। इमारत को ध्वस्त करने के बाद मलबे का निस्तारण किया जाएगा। इसे डिमोलिशन साइट से नोएडा अथॉरिटी के सी एंड डी प्लांट तक पहुंचाने का कार्य ट्रकों से किया जाएगा। इससे भी वातावरण में पीएम-2.5 का बढ़ना तय माना जा रहा है। इसको लेकर पर्यावरणविद चिंतित हैं। आपको बता दें कि करीब 121 मीटर ऊंचाई वाले एपेक्स-सियान टावर को विस्फोटक से गिराया जाएगा है। इसके लिए दो कंपनियों ने करीब 6 महीने काम करके तैयारियां पूरी की हैं। दोनों टावर में 3,700 किलोग्राम विस्फोटक लगाया गया है।

दोनों इमारतों को मैनुअली गिराने में लगते कई साल: अगर इसे मैन्यूअली ध्वस्त करने की प्रक्रिया को अपनाया जाता तो धूल उड़ने की संभावना और बढ़ जाती। प्राधिकरण इसे खुद ध्वस्त करता या यह कार्य किसी एजेंसी को देता लेकिन इस काम में कई साल का वक्त लग जाता। पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ ने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है कि इतनी बड़ी इमारत को ध्वस्त करने के लिए पर्यावरण मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दरअसल, मामूली सी लापरवाही से आसपास के लोगों को काफी समस्या हो सकती है।

करीब आधा घंटा तीन-चार किलोमीटर दायरे में धूल ही धूल होगी: इमारत के ध्वस्तीकरण के दौरान जो मलबा निकलेगा, उसे री-साइकिल किया जाएगा। ट्विंस टावर के ध्वस्त होने की वजह से मौके पर 20-25 मीटर ऊंचाई तक मलबे का ढेर लग जाएगा। यह मलबा करीब 10-12 मीटर के क्षेत्र में फैलेगा। 15 मिनट तक धूल का असर आसपास के पूरे इलाके पर रहेगा। ट्विन टावर के ध्वस्त होने पर चारों तरफ धूल का गुबार छा जाएगा। करीब 15-20 मिनट तक तीन से चार किलोमीटर हिस्से में धूल ही धूल होगी। ऐसे में धूल पर नियंत्रण करने और जल्द हटाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने तैयारी कर ली हैं। ऐसे में आसपास की सोसाइटी के फ्लैट, दीवार, फर्श पर पूरी गंदगी से अट जाएगा। इसको देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने अपने स्तर से सफाई कराने का निर्णय लिया है। करीब 50 सफाई कर्मचारी तुरंत ही दोनों सोसाइटी परिसर में सफाई व्यवस्था में जुट जाएंगे। चार एंटी स्मॉग गन दोनों टावर के आसपास रहेंगी। करीब 50 पानी के टैंकर के जरिए सड़क, पेड़ आदि की धुलाई कराई जाएगी।

ध्वस्तीकरण के तुरंत बाद 400 लोग युद्ध स्तर पर काम करेंगे: ट्विन टावर से सटी हुए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी हैं। ये दोनों सोसाइटी रविवार सुबह सात बजे तक पूरी तरह खाली हो जाएंगी। पुलिस की हरी झंडी मिलने के बाद ही शाम चार बजे के बाद लोग वापस लौट सकेंगे। ऐसे में धूल को देखते हुए सोसाइटी वालों ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ से प्राधिकरण के जरिए ही सफाई कराने की मांग की थी, जिसको मान लिया गया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि टावर गिरने के कुछ समय बाद ही 50 सफाई कर्मचारियों के जरिए दोनों सोसायटी में सफाई शुरू करा दी जाएगी। इसमें पूरे परिसर, फ्लैट्स के बाहर और अन्य हिस्सो को पूरी तरह साफ कराया जाएगा। इसके अलावा बाहरी हिस्से में सड़क आदि की भी सफाई कराने के लिए 50 से अधिक सफाई कर्मचारी लगेंगे। इसके अलावा 10 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन के जरिए सड़कों को साफ कराया जाएगा। इसके साथ ही स्प्रिंकलर लगवाए जा रहे हैं।

शहर के सभी 10 वर्क सर्किल यही काम करेंगे: नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि 50 टैंकर के जरिए पानी का तत्काल मौके पर छिड़काव होगा। इसके लिए सभी 10 वर्क सर्कल प्रभारी मैनेजर को 5-5 टैंकर पानी के साथ मौके पर पहुंचने के निर्देश हुए हैं। ध्वस्तीकरण के बाद आसपास धूल पेड़-पौधों पर उड़कर जमेगी, उनकी धुलाई नोएडा प्राधिकरण का उद्यान विभाग करवाएगा। इसके लिए ओएसडी (उद्यान) वंदना त्रिपाठी को एसीईओ स्तर से निर्देश दिए गए हैं। उपनिदेशक राजेंद्र सिंह की ड्यूटी उनके साथ लगाई गई है।

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