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कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन दूसरे वेरिएंट की तुलना में दोगुनी तेजी से फैलता है, फेफड़ों पर 10 गुना कम घातक

Renuka Sahu
6 Jan 2022 4:53 AM GMT
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन दूसरे वेरिएंट की तुलना में दोगुनी तेजी से फैलता है, फेफड़ों पर 10 गुना कम घातक
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फाइल फोटो 

कोरोना संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैल रहा है। अधिकतर मरीज कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए जा रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैल रहा है। अधिकतर मरीज कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए जा रहे हैं। ऐसे में इस नए स्वरूप के लक्षणों और इसके प्रभाव को जानना आवश्यक है। चिकित्सकों के अनुसार, कोरोना का यह नया स्वरूप इसके दूसरे स्वरूपों के मुकाबले ऊपरी सांस नली में दोगुना तेजी से फैलता है।

फेफड़ों पर प्रभाव कम
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर नीरज निश्चल ने स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों के साथ हुई सेमिनार में बताया कि कोरोना का नया स्वरूप ओमिक्रॉन ऊपरी सांस नली में कोरोना के अन्य स्वरूप के मुकाबले दो गुना तेजी से बढ़ता है। हालांकि, यह फेफड़ों के ऊतकों में अन्य कोरोना स्वरूपों के मुकाबले 10 गुना कम प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि इस नए स्वरूप में 50 से अधिक नए म्यूटेशन मौजूद हैं।
ऐसे करें ओमीक्रोन, डेल्टा, सर्दी और फ्लू के लक्षणों में अंतर
लक्षण ओमीक्रोन डेल्टा सर्दी फ्लू
खांसी सामान्य सामान्य हल्के लक्षण सामान्य
गले में खराश सामान्य कभी-कभी सामान्य कभी-कभी
बुखार सामान्य सामान्य दुर्लभ सामान्य
थकान सामान्य कभी-कभी हल्के लक्षण सामान्य
सिरदर्द सामान्य कभी-कभी दुर्लभ सामान्य
दर्द और पीड़ा सामान्य कभी-कभी सामान्य सामान्य
छींक आना नहीं नहीं सामान्य नहीं
दस्त दुर्लभ दुर्लभ नहीं कभी-कभी
नाक बहना दुर्लभ दुर्लभ सामान्य कभी-कभी
सभी मरीजों को न दें एंटीवायरल ड्रग मोलनुपिराविर

भारत के दवा महानियंत्रक की ओर से कोरोना के इलाज में एंटीवायरल ड्रग मोलनुपिराविर के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने के बाद दवा विक्रेताओं के पास इस दवा की मांग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गयी है। हालांकि, एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि यह दवा कोरोना के इलाज में जादू की छड़ी नहीं है। अभी इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को ही मंजूरी दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक सेमिनार में एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि यह दवा सभी मरीजों के लिए नहीं है। उन्होंने बताया कि यह दवा 18 साल से कम उम्र के मरीजों को नहीं दी जानी चाहिए।
कब नहीं करना चाहिए इसका इस्तेमाल
- 18 साल से कम उम्र के मरीजों को न दें, हड्डियों में नुकसान पहुंचा सकती है
- अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नहीं है। ऐसे मरीजों के लिए यह अधिक फायदेमंद नहीं मिली जिनका कोरोना के बाद अस्पताल में इलाज शुरू हो गया था
- लक्षण आने के पहले पांच दिन के बाद लगातार यह दवा न दें
- कोरोना से बचने के लिए इसका इस्तेमाल न करें, संक्रमण होने से पहले इस्तेमाल न करें
- गर्भवती महिलाओं को देने से बचें।
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