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दिल्ली के हालातों पर कोरोना का वार, 20 दिन में अस्पताल में बढ़े 33% गंभीर मरीज

Renuka Sahu
22 Jan 2022 2:29 AM GMT
दिल्ली के हालातों पर कोरोना का वार, 20 दिन में अस्पताल में बढ़े 33% गंभीर मरीज
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फाइल फोटो 

राजधानी में कोरोना के नए मामलों में बेशक कमी देखने को मिल रही है, लेकिन बीते 20 दिन में अस्पतालों में गंभीर मरीज 33 फीसदी बढ़े हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी में कोरोना के नए मामलों में बेशक कमी देखने को मिल रही है, लेकिन बीते 20 दिन में अस्पतालों में गंभीर मरीज 33 फीसदी बढ़े हैं। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट से लेकर आईसीयू व वेंटिलेटर तक सहारा दिया जा रहा है। इनमें अधिकांश वह मरीज हैं, जो पहले से हृदय, श्वसन व किडनी समेत अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 31 दिसंबर को अस्पतालों कुल 226 मरीज भर्ती थे। इनमें से 82 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट व तीन मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा था। यानी, नए साल से पहले 37 फीसदी गंभीर मरीज अस्पतालों में थे। चार जनवरी तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीजों की संख्या बढ़कर 168 और वेंटिलेटर पर 14 हो गई थी। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 531 पहुंच गई थी।
आठ जनवरी तक कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी, जो एक हजार का आंकड़ा पार कर 1586 तक पहुंच गई। ऑक्सीजन सपोर्ट पर 375, आईसीयू में 279 और वेंटिलेटर पर 27 मरीज भर्ती थे। ऐसे में एक सप्ताह के बाद ही अस्पतालों में 42.9 फीसदी गंभीर मरीज भर्ती हो गए थे। 12 जनवरी तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर 739, आईसीयू में 618 व वेंटिलेटर पर 91 मरीज भर्ती हुए थे, जबकि अस्पतालों में कुल मरीजों की संख्या 2,363 थी। इसके अगले चार दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीजों की संख्या बढ़कर 835 हो गई। आईसीयू में 738 मरीज और वेंटिलेटर पर 123 मरीज थे। दो सप्ताह बीतने के बाद अस्पतालों में कुल भर्ती मरीजों की आंकड़ा बढ़कर 2,711 हो गया था।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीती 20 जनवरी तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीजों की संख्या 903, आईसीयू में 844 और वेंटिलेटर पर 152 मरीज भर्ती हुए हैं। बृहस्पतिवार तक अस्पतालों में कुल भर्ती मरीजों की संख्या 2,698 थी, जबकि गंभीर मरीजों की संख्या 1,899 तक पहुंच गई।
37 से 70 फीसदी हुए गंभीर रोगी
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 31 दिसंबर को राजधानी में कुल गंभीर मरीजों की दर 37 फीसदी थी। इसके बाद चार जनवरी को इसके 34 फीसदी पहुंचने पर तीन फीसदी की कमी देखी गई। अगले चार दिन में ही यह आंकड़ा 42.9 फीसदी तक पहुंच गया था। आंकड़ों से पता चलता है कि आठ जनवरी के बाद से ही गंभीर मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
यही वजह है कि 12 जनवरी तक गंभीर मरीजों की संख्या 61 फीसदी, 16 जनवरी तक 62 फीसदी व 20 जनवरी तक यह 70 फीसदी तक पहुंच गई। यानी, यदि बीते 20 दिनों के आंकड़े पर गौर करते हुए 31 दिसंबर से तुलना करें तो अस्पतालों में 33 फीसदी गंभीर मरीज बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन मरीजों में अधिकतर मरीज वो हैं जो पहले से ही किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों की संख्या बहुत कम है जो कोरोना की वजह से गंभीर हालत में अस्पतालों में पहुंचे हों।
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