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गुरुग्राम : कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच मुस्लिम नेताओं ने की अपील- खुले में नहीं घर या मस्जिद में नमाज पढ़ें
Renuka Sahu
15 Jan 2022 3:57 AM GMT
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फाइल फोटो
पूरे देश को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में भीड़ को कम करने और वायरस को प्रसार को रोकने के लिए तमाम सरकारों ने एहतियातन उपाय लागू किए हुए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूरे देश को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में भीड़ को कम करने और वायरस को प्रसार को रोकने के लिए तमाम सरकारों ने एहतियातन उपाय लागू किए हुए हैं। गुरुग्राम में भी वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में शुक्रवार को खुले में होने वाली जुमे की नमाज नहीं हुई क्योंकि मुस्लिम नेताओं ने वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लोगों से बड़ी संख्या में सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा न होने की अपील की थी।
पिछले महीने हरियाणा की खट्टर सरकार ने पांच जिलों में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी। इन जिलों में गुरुग्राम भी शामिल है, जहां केस काफी बढ़ रहे हैं। हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश में, ज्यादा जिलों में नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा गया है, 'राज्य में सभी प्रकार की सार्वजनिक सभाओं, रैलियों, विरोध प्रदर्शनों, धरना आदि जैसे भीड़ आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा।'
गुरुग्राम जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने कहा, 'हमने लोगों से कोविड की स्थिति को देखते हुए अपने घरों में नमाज अदा करने की अपील की थी। शहर में आज सार्वजनिक स्थानों पर नमाज नहीं पढ़ी गई। मस्जिदों में, लोगों को समायोजित करने और सामाजिक दूरियों के मानदंडों के अनुसार, बैचों और कई राउंड में नमाज अदा हुई।'
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक खुर्शीद रजाका ने कहा कि गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, उन्होंने इमाम संगठन के साथ एक संयुक्त बैठक की। बैठक में उन्होंने निकट भविष्य में शुक्रवार को बड़ी सभाओं में तबतक जुमे की नमाज अदा ना करने का फैसला किया जबतक कि सरकार द्वारा नए दिशानिर्देश जारी नहीं किए जाते।
रजाका ने कहा, चूंकि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, 'इसलिए हमने कुछ हफ्तों के लिए बड़ी सभाओं से बचने का फैसला किया है। हमने उपायुक्त को भी इसकी जानकारी दी थी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि धार्मिक सभा के लिए 50 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते। हमने कुछ जगहों पर प्रतिनिधियों को नियुक्त किया जिन्होंने लोगों को नए दिशानिर्देशों के बारे में सूचित किया और उनसे अपने घरों या मस्जिदों में नमाज अदा करने का अनुरोध किया।'
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