दिल्ली-एनसीआर

संबंधित विभाग मौन, जोखिम में डालकर कांवड़िए कर रहे यात्रा

Admin4
26 July 2022 4:59 PM GMT
संबंधित विभाग मौन, जोखिम में डालकर कांवड़िए कर रहे यात्रा
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नई दिल्ली/नोएडा: सावन महीना शुरू होने के साथ ही एनसीआर के विभिन्न जनपदों और राज्यों से कांवड़िए जल लेने के लिए विभिन्न जगहों पर निकलना शुरू हो गए हैं. वहीं, जगह-जगह शिविर लगाकर उन्हें विश्राम और भंडारे की व्यवस्था भी की गई है. ऐसा ही कुछ नोएडा के सेक्टर 14a के पास भी किया गया है. यहां काफी संख्या में कांवड़िया आसानी से विश्राम कर सकते हैं और भंडारे का लाभ उठा सकते हैं, पर वहां तक पहुंचने के लिए कांवड़ियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.3

दरअसल, ओखला से लेकर 14a तक और 14a से लेकर ओखला तक के जाने वाले रोड की स्थिति यह है कि सभी जगह से उखड़ गए हैं. रास्ते में अंधेरा होने के बाद प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है. जान जोखिम में डालकर अंधेरा होने के बाद कांवड़िए इस रास्ते से गुजर रहे हैं. नंगे पांव जल लेने और जल लेकर वापस होने वाले कांवड़ियों को इन रास्तों पर कंक्रीट और अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी कांवड़िए बोल बम बोलते हुए बढ़ रहे हैं.

नोएडा प्राधिकरण और वन विभाग के द्वारा ओखला पक्षी विहार से गुजरने वाले रोड को बनाने की जिम्मेदारी है. दोनों ही विभागों द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसके चलते एक किलोमीटर से अधिक का रोड पूरी तरह से उखड़ गया है. वहीं, रोड के किनारे एक तरफ यमुना नदी तो दूसरे तरफ गहरा नाला है. दोनों ही तरफ से जहरीले कीड़े मकोड़ों का खतरा है. रास्ते पर प्रकाश की व्यवस्था देखी जाए तो शून्य के बराबर. इन्हीं रास्तों से होकर इन दिनों में कांवड़िए आ और जा रहे हैं. जान जोखिम में डालकर कांवड़िया इस दुर्गम रास्ते को क्रॉश कर रहे हैं.इस तरफ ना ही नोएडा प्राधिकरण ने ध्यान दिया और ना ही वन विभाग ने. जबकि, कांवड़ियों के संबंध में तमाम आदेश निर्देश प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन तक जारी किए जा चुके हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में पलवल से चलकर हरिद्वार से जल लेकर आ रहे कांवड़ियों ने बताया कि नोएडा के ओखला पक्षी विहार रास्ता काफी कंक्रीट भरा हुआ है, जिस पर चलने में काफी परेशानी हो रही है. वहीं, इस संबंध में पुलिस का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण और वन विभाग को समुचित प्रकाश बेहतर रोड की व्यवस्था कराने के लिए बोला गया पर आज तक उनके कान पर जूं तक नहीं रेगा.

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