- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- कंपनी मालिक ने संपत्ति...
कंपनी मालिक ने संपत्ति बेचकर देनदारी चुकाने की अनुमति मांगी
नोएडा न्यूज़: बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी ने सर्वोच्च न्यायालय में दिए शपथपत्र में दावा किया है कि उसके ऊपर सिर्फ 90 करोड़ रुपये की देनदारी है, जबकि उसकी 750 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त है. न्यायालय इस संपत्ति को अपनी देख-रेख में नीलामा कराए या फिर उन्हें इस संपत्ति को बेचकर देनदारी निपटाने की अनुमति दे.
बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी के अधिवक्ता पवन कसाना ने बताया कि संजय भाटी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र दिया जा चुका है. इस प्रकरण में दर्ज 209 मुकदमों में संजय भाटी आरोपी हैं. अभी तक देशभर के विभिन्न कोर्ट में आई चार्जशीट से स्पष्ट है कि 1523 लोगों ने कंपनी में अपना पैसा लगाया था, जिन्हें 89 करोड़ 88 लाख, 42 हजार 997 रुपये दिए जाने हैं. उन्होंने दावा किया कि कंपनी में पैसा लगाने के लिए एक लाख 70 हजार आईडी बनी थीं. एक वाहन के लिए एक आईडी बनवाई थी.
संजय भाटी ने शपथपत्र में कहा है कि वह 90 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हैं और ईडी ने उनकी जब्त संपत्ति की कीमत 216 करोड़ रुपये बताई है. उनकी 50 लाख से अधिक कीमत की गाड़ियां भी जांच एजेंसियों के पास जब्त हैं. वर्तमान में इस संपत्ति की बाजार कीमत 750 करोड़ से अधिक है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह अपनी निगरानी में एक कमेटी बनाकर इस संपत्ति को नीलाम कराकर लोगों का पैसा चुका दे अथवा उन्हें कुछ समय की मोहलत दे. वह खुद ही इस संपत्ति को बेचकर सभी देनदारी चुका देंगे.
बाइक बोट कंपनी के अधिवक्ता पवन ने बताया कि नोबल बैंक की ओर से एनसीएलटी में अपील करते हुए यह एक पक्षीय आदेश कराया गया था, जिसके खिलाफ वह एनसीएलएटी में गए थे. वहां पर उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में उन्हें सुना ही नहीं गया. उन्हें जो नोटिस जारी किया गया, वह तीन साल से सील पड़े कंपनी के कार्यालय पर भेजा गया, जबकि अन्य सभी नोटिस जेल में जा रहे हैं.
वर्ष 2019 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ
मामले में 12 जनवरी 2019 को दादरी थाने में पहला दर्ज मुकदमा हुआ था. जून 2019 में कंपनी का मालिक संजय भाटी गिरफ्तार हुआ. इस मामले में ईडी ने 216 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की. ईओडब्ल्यू ने 119 मुकदमों में 30 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. इस मामले में 16 फरवरी 2023 को एनसीएलटी का आदेश भी जारी हो चुका है, जिसमें कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर आईआरपी की नियुक्ति की गई है.
पीड़ितों ने भी पैसे वापस करने की अर्जी लगाई
घोटाले के पीड़ितों ने सर्वोच्च न्यायालय में संयुक्त याचिका दायर की है. याचिका में न्यायालय से मांग की कि जांच एजेंसियों द्वारा बाइक बोट की जब्त की गई संपत्तियों को नीलाम कराकर उनका पैसा वापस दिलाया जाए. इस याचिका को जम्मू निवासी सुरेश भट्ट और 450 पीड़ितों ने दायर किया है. इसमें ईडी, गृह मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार और गर्वित प्रमोटर्स को पार्टी बनाया गया है.
मामले के दो आरोपी अब भी फरार
बाइक बोट प्रकरण में फरार चल रही पांच लाख की इनामी दीप्ती बहल का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है. वह प्रदेश पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में पहले नंबर पर है. उसकी तलाश में ईडी, सीबीआई, ईओडब्ल्यू, एसटीएफ के साथ-साथ देश की 16 जांच एजेंसियां लगी हैं, लेकिन बीते चार सालों में उसका कोई सुराग नहीं लगा है. दीप्ती के अलावा भूदेव पर भी पांच लाख का इनाम घोषित है और उसका भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है.