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स्पाइवेयर पेगासस मामले पर गठित समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जांच रिपोर्ट, कल होगी सुनवाई

Renuka Sahu
20 May 2022 5:47 AM GMT
Committee constituted on spyware Pegasus case submitted investigation report to Supreme Court, hearing will be held tomorrow
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फाइल फोटो 

पिछले साल संसद के पूरे मानसून सत्र को बहा ले जाने वाले स्पाइवेयर पेगासस की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले साल संसद के पूरे मानसून सत्र को बहा ले जाने वाले स्पाइवेयर पेगासस की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। लगभग छह महीने की जांच के दौरान केवल 13 लोगों ने समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में गठित समिति ने गुरुवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी।

जांच के दौरान लगभग 20 मोबाइल की तकनीकी जांच कराई गई, जिनमें 10 मोबाइल फोन सीधे एनआइए के कस्टडी से लिए गए। एनआइए ने इन मोबाइल फोन को भीमा कोरेगांव मामले में दर्ज अर्बन नक्सल केस के आरोपियों से जब्त किये गए थे। आरोप लगे थे कि सरकार ने इनकी गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए गैरकानूनी तरीके से पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया था।
13 लोगों में से लगभग 10 लोगों ने जांच के लिए अपने मोबाइल फोन को कराया था जमा
इसके अलावा समिति के सामने बयान दर्ज कराने वाले 13 लोगों में से लगभग 10 लोगों ने जांच के लिए अपने मोबाइल फोन को समिति के पास जमा कराया था। वैसे जांच किये गए मोबाइल में पेगासस मिले हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। मामले की संवेदनशीलता और सुप्रीम कोर्ट की कड़ी निगरानी को देखते हुए इसे पूरी तरह से गोपनीय रखा जा रहा है।
दिशानिर्देशों की भी मांगी गई थी जानकारी
पिछले साल विपक्ष ने पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल के लिए मुख्यतौर पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन समिति ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए इसमें राज्य सरकारों को भी शामिल कर लिया। सूत्रों के अनुसार समिति ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर यह बताने को कहा कि उनके यहां पेगासस या उसके जैसे किसी अन्य स्पाइवेयर को खरीदा गया है या नहीं। यदि खरीदा गया है कि उसके उपयोग के लिए बनाए गए दिशानिर्देशों की जानकारी भी मांगी गई थी।
माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट में राज्य सरकारों के जवाब भी शामिल हो सकते हैं। ध्यान देने की बात है कि जस्टिस आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में गठित समिति में पूर्व आइपीएस अधिकारी आलोक जोशी और साफ्टवेयर एंड सिस्टम इंजीनियरिंग के अध्यक्ष डाक्टर संदीप ओबेराय को सलाहकार हैं। इसके अलावा डाक्टर नवीन कुमार चौधरी, डाक्टर प्रबहरन पी और डाक्टर अश्विन अनिल गुमास्ते को तकनीक समिति में हैं।
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