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दिल्ली | केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के आने के बाद से राजधानी दिल्ली के सियासत गरमाई हुई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को राजधानी में अफसरों की पोस्टिंग और तबादले के मामले में दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। कुछ दिन बाद केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाला अध्यादेश लाया गया। वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से भी केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। आज यानी मंगलवार (20 जून) को प्रेस वार्ता की थी। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने अध्यादेश के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ऑर्डिनेंस के जरिए केंद्र सरकार ने दिल्ली में तीन बार चुनाव हारने के बाद दिल्ली सरकार पर कब्जा करने की कोशिश की है।’
सीएम केजरीवाल ने बताया कि ‘अध्यादेश के अंदर कई ऐसे प्रावधान लिखे हैं, जिसके जरिए मंत्री और मुख्यमंत्री के ऊपर एक अफसर को बैठा दिया। अब विभाग में मंत्री की नहीं चलेगी, अफसर की चलेगी। कैबिनेट के अंदर कैबिनेट की नहीं चलेगी, एलजी और चीफ सेक्रेटरी की चलेगी। उसके ऊपर एक चीफ सेक्रेटरी को बैठा दिया। सीएम ने कहा कि कहने के लिए अथॉरिटी बना दी, उसके अंदर दो अफसर केंद्र सरकार के होंगे और मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने कहा कि एक तरह से केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को अफसरों के जरिए चलाना चाहती है। संविधान की मूल आत्मा यही है कि हमारा देश जनतंत्र है। भारतीय जनता पार्टी ने दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा षड्यंत्र रचा है कि अब अफसर चुनी हुई सरकार के ऊपर होंगे, क्योंकि उन अफसरों के ऊपर केंद्र सरकार का कंट्रोल है।’
इस दौरान सीएम केजरीवाल ने उदाहरण भी साझा किया। उन्होंने बताया कि ‘मेरे पास 15 दिन पहले एक फाइल आई, उस फाइल में वो एक अफसर को सस्पेंड करना चाहते थे। फाइल को पढ़ने के बाद मेरे कुछ सवाल थे। सीएम ने बताया कि मैंने फाइल पर लिखा कि ये मेरे तीन-चार क्लेरिफिकेशन और इनका जवाब दिया जाए। इसके बाद मैं बताऊंगा कि मीटिंग किस दिन होगी, कितने बजे होगी और कहां होगी। वो सवाल मैंने लिखकर भेजे, वो फाइल फिर मेरे पास वापस नहीं आई। वो फाइल सीधे एलजी के पास चली गई और उस फाइल पर लिखा गया कि अथॉरिटी के तीन सदस्यों में से दो सदस्यों की सहमति हो गई है, एक सदस्य की सहमति नहीं हुई है इसलिए इसे मंजूरी दे दीजिए। सीएम ने बताया कि न ऊपर जाते समय मेरे पास फाइल आई न नीचे जाते समय मेरे पास फाइल आई, फिर अथॉरिटी की जरूरत क्या है।’
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ‘ये चीजे हम सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे। हमें सुप्रीम कोर्ट से भी उम्मीद है और सभी पार्टियों से उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में भी राहत मिलेगी और अगर संसद में बिल आता है तो उसे जीतने नहीं देंगे।’
आपको बता दें कि आज यानी मंगलवार (20 जून) को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (National Capital Civil Service Authority) की बैठक हुई थी। इसको लेकर सीएम केजरीवाल ने बताया कि ‘आज की मीटिंग में एक ही मुद्दा था कि एक अफसर ने फॉरेंसिक लैब में गड़बड़ की थी। वो ब्लैक एंड व्हाइट मुद्दा था, उस पर तीनों की सहमति थी।’
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली की कानून-व्यव्स्था को लेकर कहा कि ‘रविवार को दिल्ली में चार मर्डर हुए। मैं लोगों से मिलता रहता हूं, लोगों के मन में दहशत है।’ आपको बता दें कि दिल्ली की बिगड़ी कानून-व्यव्स्था को लेकर सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को पत्र भी लिखा था। एलजी को लिखे पत्र को लेकर सीएम केजरीवाल ने बताया कि ‘मैंने पत्र में लिखा है कि एलजी साहब और अमित शाह जी कुछ करें। उन्होंने कहा कि जो-जो क्षेत्र हमारे पास थे हमने ठीक कर दिए। पंजाब में हमारे पास पहली बार लॉ एंड ऑर्डर आया। आज पंजाब लॉ एंड ऑर्डर के मामले में भारत के टॉप राज्यों में आता है।’