दिल्ली-एनसीआर

देश में बनेंगे पहाड़ों और ऊंची चोटियों पर तैनात सेना के लिए कपड़े, DRDO ने 5 कंपनियों को सौंपी तकनीक

Deepa Sahu
28 Dec 2021 3:25 PM GMT
देश में बनेंगे पहाड़ों और ऊंची चोटियों पर तैनात सेना के लिए कपड़े, DRDO ने 5 कंपनियों को सौंपी तकनीक
x
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को पांच भारतीय कंपनियों को अत्यधिक ठंडी मौसम वस्त्र प्रणाली (ECWCS) की तकनीक सौंपी है.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को पांच भारतीय कंपनियों को अत्यधिक ठंडी मौसम वस्त्र प्रणाली (ECWCS) की तकनीक सौंपी है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय सेना को ग्लेशियर और हिमालय की चोटियों में अपने लगातार ऑपरेशन के लिए इस वस्त्र प्रणाली की जरूरत पड़ती है. तीन लेयर वाली ECWCS प्रणाली को 15 से -50 डिग्री सेल्सियस के तापमान रेंज में उपयुक्त रूप से थर्मल इन्सुलेशन उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस ECWCS प्रणाली को डीआरडीओ दिल्ली के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड अलायड साइंस (DIPAS) द्वारा डिजाइन किया गया है. मंत्रालय ने बताया कि अभी तक सेना ECWCS और दूसरे विशेष कपड़ों और पर्वतारोहण उपकरण (SCME) वस्तुओं का ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए आयात करती रही हैं.
ECWCS प्रणाली में सांस की गर्मी और पानी की कमी, गति की निर्बाध सीमा और पसीने को तेजी से सोखने से संबंधित शारीरिक खासियत शामिल हैं. इसके अलावा इसमें पर्याप्त सांस लेने की क्षमता और उन्नत इन्सुलेशन के साथ-साथ अधिक ऊंचाई वाले संचालन के लिए वाटर प्रूफ और गर्मी प्रूफ विशेषताएं उपलब्ध कराने की भी क्षमता है. हिमालयी क्षेत्रों में अलग-अलग जलवायु परिस्थितियों के अनुसार यह एक एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई मॉड्यूलर तकनीकी कपड़ा प्रणाली है.

निर्यात की क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा- DRDO
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया, "हिमालय की चोटियों में मौसम की स्थिति में व्यापक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए यह कपड़ा प्रणाली तैयार की गई है. मौजूदा जलवायु परिस्थितियों के लिए जरूरी इन्सुलेशन या IREQ को पूरा करने के लिए फायदेमंद है. जिससे भारतीय सेना के लिए एक व्यवहार्य आयात विकल्प उपलब्ध हो रहा है."
इस सिस्टम को कंपनियों को सौंपते हुए डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा कि यह न सिर्फ सेना की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि निर्यात के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने पर्वतारोहण उपकरण या एससीएमई वस्तुओं के लिए स्वदेशी औद्योगिक आधार विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया है.

Next Story