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सीजेआई रमण ने ईमानदार पत्रकारिता की सलाह दी

Rani Sahu
26 July 2022 5:59 PM GMT
सीजेआई रमण ने ईमानदार पत्रकारिता की सलाह दी
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चीफ जस्टिस एनवी रमण ने साफ व निष्पक्ष पत्रकारिता की वकालत करते हुए मीडिया घरानों द्वारा सही तथ्यों को लोगों के सामने रखने की बात कही है

चीफ जस्टिस एनवी रमण ने साफ व निष्पक्ष पत्रकारिता की वकालत करते हुए मीडिया घरानों द्वारा सही तथ्यों को लोगों के सामने रखने की बात कही है। जस्टिस रमण ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है। पत्रकार जनता के आंख-कान होते हैं। विशेष रूप से भारतीय सामाजिक परिदृश्य में तथ्यों को प्रस्तुत करना मीडिया घरानों की जिम्मेदारी है। लोग अब भी मानते हैं कि जो कुछ भी छपा है वह सच है।

उन्होंने कहा, मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि मीडिया को अपने प्रभाव और व्यावसायिक हितों का विस्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किए बिना खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखना चाहिए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि केवल बिना व्यावसायिक दृष्टिकोण वाले मीडिया घराने आपातकाल के काले दिनों में लोकतंत्र के लिए लड़ने में सक्षम थे। मीडिया घरानों की वास्तविक प्रकृति का निश्चित रूप से समय-समय पर आकलन किया जाएगा और परीक्षण के समय उनके आचरण से उचित निष्कर्ष निकाला जाएगा।
हम आंख मूंदकर हस्ताक्षर नहीं कर सकते: रिजिजू
इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि सरकार न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई विलंब नहीं करती, लेकिन जब कोई नाम हमारे पास आता है, तब हम आंख बंद करके उस पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। निचले सदन में कुटुम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री ने कहा कि सरकार के पास जांच परख करने का एक तंत्र है जो सुप्रीम कोर्ट के पास नहीं है। इस तंत्र से पृष्ठभूमि के बारे में पता लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि कोई नाम आने पर हम आंख बंद करके हस्ताक्षर नहीं कर सकते। अगर हमने किसी नियुक्ति के मामले में हस्ताक्षर नहीं किया तब इसका वाजिब कारण होता है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई विलंब नहीं करती और हमारा मन साफ है।
Rani Sahu

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