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दिल्ली न्यूज़: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने "एचपीजेड" नामक ऐप-आधारित टोकन के कथित दुरुपयोग से संबंधित जांच में पेमेंट गेटवे के साथ बनाए गए विभिन्न चीनी-नियंत्रित संस्थाओं की तलाशी ली और उनके खातों को फ्रीज कर दिया। ईडी ने जारी एक बयान में कहा कि एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ नागालैंड के कोहिमा में साइबर अपराध पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत आठ अक्टूबर 2021 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन मामले जांच शुरू की। एचपीजेड टोकन एक 'ऐप-आधारित टोकन' था जिसके उपयोगकर्ताओं को 'बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए खनन मशीनों में निवेश' पर बड़े लाभ का वादा किया था। कथित धोखेबाजों के तौर-तरीकों में पहले पीड़ितों को 'ऐप एचपीजेड टोकन' और इसी तरह के अन्य अनुप्रयोगों के जरिए अपने निवेश को दोगुना / कई गुणा करने के बहाने अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिए लुभाया गया था।
ईडी को जांच से पता चला है कि विभिन्न एनबीएफसी के साथ सेवा समझौतों में विभिन्न चीनी नियंत्रित संस्थाएं भी कई संदिग्ध ऋण/ अन्य ऐप संचालित कर रही थीं और इन ऐप के संचालन के बहाने जनता से धन प्राप्त करने में शामिल था। ईडी ने इससे पहले 14 सितंबर, 2022 को ली गई तलाशी के दौरान 46.67 करोड़ रूपये के बैंक/वर्चुअल खाते की शेष राशि को फ्रीज कर दिया था। वर्तमान फ्रीजिंग के साथ ही इस मामले में 56.49 करोड़ रूपये फ्रीज किये जा चुके है।