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दिल्ली सरकार के स्कूलों में फॉरेन लैंग्वेज भी सीख रहे बच्चेः मनीष सिसोदिया

Rani Sahu
11 Oct 2022 4:11 PM GMT
दिल्ली सरकार के स्कूलों में फॉरेन लैंग्वेज भी सीख रहे बच्चेः मनीष सिसोदिया
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नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को द्वारका में दिल्ली सरकार के दो स्कूलों का दौरा किया। जहां वे परफोर्मिंग एंड विजुअल ऑर्ट और ह्यूमैनिटीज के पहले बैच के छात्रों से मिले और उनके अनुभव से रूबरू हुए।
मनीष सिसोदिया ने द्वारका के सेक्टर19 व सेक्टर-22 स्थित स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का दौरा किया। इस बीच उन्होंने स्कूल के पहले बैच के बच्चों के साथ उनकी पढ़ाई को लेकर चर्चा की।
डिप्टी सीएम ने कहा कि केजरीवाल सरकार के स्कूलों में बच्चों को कई फॉरेन लैंग्वेज भी सिखाई जा रही है। इसका उदाहरण मनीष सिसोदिया के दौरे पर देखने को मिला। परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट एसओएसई, सेक्टर-19 में बच्चों ने फ्रेंच व जर्मन भाषा में उनका अभिवादन किया।
इस स्कूल में बच्चों को फाउंडेशनल कोर्स के तहत लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस व सोशल साइंस पढ़ाई जाती है। इसके साथ ही उन्हें परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के स्पेशलाइजेशन में उन्हें क्लासिकल इंडियन व वेस्टर्न म्यूजिक, फिल्म-मेकिंग, स्कल्पचरिंग सहित दृश्य व प्रदर्शन कला के विभिन्न फॉर्म्स सिखाए व उनमें आगे बढ़ने के मौके दिए जाते है।
इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि अबतक सिस्टम में ऐसे स्कूल थे जो बच्चों को डॉक्टर-इंजिनियर बनाना तय करते थे, लेकिन कभी किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि ऐसे स्कूल भी होंगे जहाँ बच्चों के अंदर की प्रतिभा को निखारते हुए यह तय किया जाएगा कि उन्हें आर्टिस्ट बनाना है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल ने बच्चों को आर्टिस्ट बनाने के इस सपने को मात्र एक साल में शानदार उड़ान देने का काम किया है।
सिसोदिया ने कहा कि स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में बच्चों के असेसमेंट के पैटर्न को भी समझा। यहां परीक्षा में बच्चों के ज्ञान से ज्यादा उसकी समझ का असेसमेंट किया जाता है और पूरी परीक्षा भी इसी के अनुरूप डिज़ाइन की जाती है।
इस बीच बच्चों ने शिक्षा मंत्री के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे अब पिछले स्कूलों की तरह गणित या विज्ञान में चीजों को रट नहीं रहे बल्कि म्यूजिक-आर्ट व अपने जीवन में होने वाली विभिन्न घटनाओं से जोड़कर इन कॉन्सेप्ट्स को समझने का काम कर रहे है।
बच्चों ने बताया कि वे फाउंडेशनल व स्पेशलाइज्ड दोनों कोर्सेज के पोर्टफोलियो बना रहे है ताकि सेल्फ असेसमेंट के साथ वो अपनी प्रगति को जाँच सकें और अपने बेहतर भविष्य के क्षेत्र में काम कर सकें।
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