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Delhi Bomb Case: आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन गजवात हिंद ने ली जिम्मेदारी, पुलिस स्लीपर सेल नेटवर्क की तलाश में भी जुटी

Deepa Sahu
17 Jan 2022 7:09 PM GMT
Delhi Bomb Case: आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन गजवात हिंद ने ली जिम्मेदारी, पुलिस स्लीपर सेल नेटवर्क की तलाश में भी जुटी
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दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी मिलने के मामले में नई जानकारी सामने आई है।

दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी मिलने के मामले में नई जानकारी सामने आई है। अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन गजवत उल हिंद (एमजीएच) ने गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी रखने की टेलीग्राम पर जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पास एमजीएच के इस दावे के संबध में लेटर मौजूद है।

वहीं इस मामले की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जुटी हुई है। एनआईए के अफसरों ने सोमवार को लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल के कार्यालय पहुंचकर स्पेशल सेल के अफसरों से मुलाकात की। एनआईए ने एनएसजी की उस रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली, जिसमें कहा गया है कि आईईडी बनाने के लिए आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया।
आतंकी संगठन एमजीएच ने अपने लेटर में काफी लिखा है। लैटर में धमकी देते हुए कहा है कि हमारे ही मुजाहिद भाइयों ने 14 जनवरी को धमाके के लिए दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी रखा था। आईईडी किसी टेक्निकल वजहों से फटा नहीं, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा, हम और तैयारी के साथ धमाका करेंगे, जिसकी गूंज पूरे भारत में सुनाई देगी। स्पेशल सेल क अधिकारी एमजीएच के इस दावे की जांच करने की बात कर रहे हैं।
लेटर में कहा गया है कि हमने अपना बेस भारत के राज्य में बना लिया है। हम भारत के खिलाफ ताकत से लड़ेंगे। लेटर में जम्मू-कश्मीर व पंजाब पुलिस को धमकी दी गई है। लैटर में कहा गया है कि कश्मीर पुलिस सोचती है कि हमारे कुछ मुजाहिद भाइयों को पकड़कर उन्होंने सरप्राइज दिया है। मगर हम उनसे कहना चहाते हैं कि अपनी जिंदगी बचाओ।

दिल्ली पुलिस दो राज्यों की पुलिस के संपर्क में है
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गाजीपुर में मिले आईईडी की जोरशोर से जांच कर रही है। स्पेशल सेल पंजाब और जम्मू कश्मीर पुलिस के संपर्क में है। दिल्ली पुलिस इन राज्यों में कुछ समय पहले ड्रोन से गिराए गए आईईडी समेत अन्य चीजों के बारे में जानकारी ले रही है।
केन्द्रीय एजेंसी जांच कर रही है
आतंकी संगठन एमजीएच के दावे की केन्द्रीय एजेंसी जांच कर रही हैं। आतंकी संगठन ने दावा एक एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म के माध्यम से किया है। ऐसे में मैसेज के स्त्रोत के बारे में पता लगाना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी इस दावे को झूठा भी बता रहे हैं।

वर्ष 2011 के बाद आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है
वर्ष 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बहार हुए बम धमाके में आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। उसके बार अब गाजीपुर मंडी में मिली आईईडी में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है। आरडीएक्स मिलने से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। आईईडी का वजन करीब तीन किलो था। ऐसे में माना जा रहा है कि दो से ढ़ाई किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है।


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