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सिंगापुर सम्मेलन में ऑनलाइन हो सकते हैं शामिल, केजरीवाल का विदेश दौरा

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सिंगापुर दौरा रद्द होने की खबर, ट्रेंड में है. केजरीवाल ने सिंगापुर में शहरों से जुड़े विश्व शिखर सम्मेलन (31 जुलाई -3 अगस्त) में भाग लेने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थीं, जो खारिज कर दी गई. इससे नाराज आम आदमी पार्टी ने इसे बड़ा विवाद बना दिया. पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वहां दिल्ली मॉडल को दुनिया के सामने रखने के लिए जाना चाहते हैं. सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वांग ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. फिर जाने की इजाज़त क्यों नहीं?
अरविंद केजरीवाल की विदेश यात्रा को लेकर पहली बार विवाद नहीं हो रहा है. इससे पहले अक्टूबर 2019 में भी केजरीवाल को डेनमार्क के एक सम्मेलन में जाने की इजाजत नहीं मिली थी. विदेश मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने पर केजरीवाल ने उस सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया था. इसलिए यह चर्चा भी है कि सिंगापुर में आयोजित सम्मेलन को भी अरविंद केजरीवाल ऑनलाइन संबोधित कर सकते हैं. केजरीवाल को एक अगस्त को सम्मेलन में शामिल होना है.
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री के सिंगापुर दौरे की फाइल उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेयर स्तर का कार्यक्रम बताकर वापस कर दी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि "मैं सिंगापुर जरूर जाऊंगा. इसके लिए केंद्र सरकार से हल निकालने को कहें." प्राप्त जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने अब पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए सीधे विदेश मंत्रालय में आवेदन किया है. चूंकि इससे पहले भी वर्ष 2019 में अरविंद केजरीवाल को अंतरराष्ट्रीय सी 40 समिट(C40 वर्ल्ड मेयर्स समिट) में इससे पहले जाने की अनुमति नहीं मिली थी. विदेश मंत्रालय की ओर से क्लीयरेंस नहीं मिला था.
- अब तक के कार्यकाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो बार तो उनके मंत्रिमंडल में शामिल शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को भी विदेश जाने की इजाजत नहीं मिली थी.
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी इंडोनेशिया के बाली में 21 से 24 जून तक आयोजित एवीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस-2022 में जाने की अनुमति केंद्र सरकार ने नहीं दी थी.
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीन बार विदेश दौरे पर जाने की इजाजत नहीं मिली थी. विदेश मंत्रालय ने उन्हें दिसंबर 2021 में नेपाल, सितंबर 2021 में इटली और सितंबर 2018 में शिकागो में होने वाली 'वर्ल्ड हिंदू कॉन्फ्रेंस' में जाने की मंजूरी नहीं दी थी. केंद्र का कहना था कि ममता बनर्जी ने उससे मंजूरी ही नहीं मांगी थी.
- अक्टूबर 2018 में केंद्र सरकार ने केरल सरकारके मंत्रियों को 17 देशों की यात्रा पर जाने की मंजूरी नहीं दी थी. मंत्री केरल में आई बाढ़ के लिए देशों से राहत सामग्री के लिए रकम जुटाने के लिए यात्रा करने वाले थे. हालांकि, केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को विदेश जाने की इजाजत दी थी.
- यूपीए शासन के दौरान असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को अमेरिका और इजरायल जाने की इजाजत नहीं मिली थी.
- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को जून 2011 में बैंकॉक (थाइलैंड) जाने की इजाजत नहीं मिली थी.
विदेश यात्रा को लेकर नियम और संशोधन
केंद्रीय सचिवालय की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, की विदेश यात्रा को लेकर 26 अगस्त 2010 को एक गाइडलाइन जारी की गई थी. इसके अनुसार विदेश यात्रा पर जाने से पहले इन सभी को प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी लेनी होती थी. 6 मई 2015 को 2010 की गाइडलाइंस में कुछ संशोधन किए गए. अब किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री या मंत्री को किसी भी आधिकारिक या निजी विदेश यात्रा पर जाने के लिए केंद्रीय सचिवालय और विदेश मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है.
मुख्यमंत्री, मंत्री के साथ जाने वाले अधिकारियों की विदेश यात्रा के नियम
- सभी पब्लिक सर्वेंट्स को विदेश यात्रा के लिए पॉलिटिकल क्लीयरेंस की जरूरत पड़ती है. इसमें मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों और राज्य के अन्य अधिकारियों को भी इकोनॉमिक अफेयर्स से मंजूरी की जरूरत होती है.
- लोकसभा सांसदों को स्पीकर से और राज्यसभा सदस्यों को सभापति (भारत के उपराष्ट्रपति) से विदेश यात्रा मंजूरी की आवश्यकता होती है.
- वर्ष 2016 तक ऑनलाइन ही पॉलिटिकल क्लीयरेंस कर दिया जाता था. हर मंत्रालय की ओर से ही ये काम कर दिया जाता था.
- इसके साथ ही FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) क्लियरेंस भी जरूरी है. हालांकि, अगर संयुक्त राष्ट्र का बुलावा हो तो इसकी जरूरत नहीं होती.
- केंद्र सरकार ने नए नियमों के तहत विधान सभा सदस्यों, राजनीतिक दलों, सरकारी अधिकारियों, न्यायाधीशों और मीडिया के लोगों को किसी भी तरह की विदेशी मदद लेने से रोका गया है. विदेश यात्रा से पहले FCRA क्लीयरेंस जरूरी होता है.