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सीएजी जांच रिपोर्ट: टाउनशिप बसाने के नाम पर तत्कालीन मैनेजर बशीखान के किया बड़ा घोटाला
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: यमुना अथॉरिटी में सीएजी ने जांच में बड़ा खुलासा किया है। बसपा शासनकाल में पहले एचसी इंफ्रासिटी के नाम 4 लाख वर्ग मीटर जमीन का आवंटन टाउनशिप बसाने के लिए कराया। बाद में प्लॉट की रजिस्टी 3 अन्य कंपनियों के नाम कर दी गई। मजेदार बात यह है कि मामला यहीं पर नहीं रूका। बगैर अथॉरिटी के किसी भी अधिकारी से अपूर्वल लिए बिना ही तत्कालीन मैनेजर बशीखान ने पांच अन्य कंपनियों को सब लीज कर डाली। इससे यमुना अथॉरिटी को 29.33 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। सीएजी की जांच रिपोर्ट को यूपी विधानसभा के पटल पर रखकर पेश किया गया। जिसके बाद इस महा घोटाले का भंडाफोड हुआ है। अब मैनेजर बशीखान के अलाव उस दौरान आवंटन से लेकर सब लीज कराने में शामिल रहे अफसरों की गर्दन फंसेगी। उनसे अथॉरिटी को हुए नुकसान की भराई उनकी प्रॉपटी बेच कर की जाएगी। विधान सभा की समिति के सामने यह मामला जाएगा।
विधानसभा की समिति जल्द की जांच करने के लिए गठन होने बाद यमुना अथॉरिटी का दौरा कर सकती है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बाकायदा मैनेजर बशीखान के नाम का उल्लेख किया है। सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यमुना अथॉरिटी की ओर से सबसे पहले एचसी इंफ्रासिटी के नाम चार लाख वर्ग मीटर जमीन का आवंटन हुआ। इसके बाद रजिस्टी रवि डवलपर, हाउसिंग डवलपर, पीआरजी ग्रुप को कर दी गई। इसके बाद स्वकुति, कास्मिक, तिवेली समेत पांच कंपनियों को बेच दिया गया। मैनेजर बशीखान ने बगैर बड़े अधिकारियों की प्रमीशन के बिना ही कंपनियों को सबलीज कर डाली। सीएजी ने इस मामले में 29.33 करोड रुपए का नुकसान हुआ बताया है।