उत्तर प्रदेश

नोएडा प्राधिकरण के कामकाज की सीएजी जांच फिर शुरू

13 Feb 2024 11:50 PM GMT
नोएडा प्राधिकरण के कामकाज की सीएजी जांच फिर शुरू
x

नोएडा: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने नोएडा प्राधिकरण से जुड़े कामकाज की जांच एक बार फिर शुरू कर दी है. इस बार  2023 से  2024 तक की फाइलों को खंगालना शुरू किया है. सीएजी की टीम के आने से प्राधिकरण दफ्तर में एक बार फिर हलचल तेज हो गई. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने …

नोएडा: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने नोएडा प्राधिकरण से जुड़े कामकाज की जांच एक बार फिर शुरू कर दी है. इस बार 2023 से 2024 तक की फाइलों को खंगालना शुरू किया है. सीएजी की टीम के आने से प्राधिकरण दफ्तर में एक बार फिर हलचल तेज हो गई.
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जांच करने के लिए सीएजी की तीन सदस्यीय टीम आई है. टीम को प्राधिकरण में एक कमरा अलॉट किया गया है. इस जांच को कंपलॉयस ऑडिट का नाम दिया गया है. इसमें प्राधिकरण की तरफ से विभिन्न काम के लिए जारी किए गए टेंडर और परियोजना की लागत समेत अन्य बिंदुओं पर जांच होगी. अब टीम एक-एक कर विभागों की फाइलों को मंगाकर जांच करेगी.

अधिकारियों ने अनुमान जताया कि एक साल के कामकाज की जांच करने में कम से कम तीन से चार महीने का समय लगेगा. इसके बाद वह आपत्तियों का ब्योरा तैयार कर प्राधिकरण अधिकारियों को सौंपेगी. प्राधिकरण की तरफ से आपत्तियों का जवाब देने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. गौरतलब है कि यूपी में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि अगर यूपी में भाजपा सरकार आती है तो प्राधिकरण में बीते सालों में हुई गड़बड़ियों की जांच सीएजी से कराई जाएगी.

्रादेश में सत्ता में भाजपा सरकार आ गई. उसी साल सीएजी ने वर्ष 2017 में पहली बार प्राधिकरण में जांच के लिए कदम रखा था. प्रदेश सरकार के निर्देश पर पहले चरण में वर्ष 2004-5 से लेकर वर्ष 2017-18 तक के कामकाज की जांच की गई. इसको परफार्मेंस ऑडिट का नाम दिया गया था. इसमें प्राधिकरण की तरफ से तैयार किए नियमों के अंतर्गत जांच की गई थी. इस दौरान 200 से अधिक आपत्तियां लगाते हुए करीब 400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी. सीएजी को 30 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली थी. इसकी लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है.

    Next Story