दिल्ली-एनसीआर

दलाल नोएडा, ग्रेनो और यमुना अथॉरिटी में हर तरफ सक्रिय, कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के नाम पर सक्रिय

Admin Delhi 1
22 Jun 2022 6:57 AM GMT
दलाल नोएडा, ग्रेनो और यमुना अथॉरिटी में हर तरफ सक्रिय, कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के नाम पर सक्रिय
x

एनसीआर नॉएडा: योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के साथ ही ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में ट्रांसफर की सुगबुगाहट चल रही है। इसका फायदा उठाने के लिए कुछ लोग सक्रिय हो गए हैं। ये दलाल किस्म के लोग अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के नाम पर सक्रिय हैं। ये अपने आपको औद्योगिक विकास मंत्री और शासन में बड़े अधिकारियों का नजदीकी बताकर ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने का सौदा कर रहे हैं। इसके अलावा प्राधिकरण में मलाईदार पदों पर तैनात करवाने का भी भरोसा दे रहे हैं।

हर पोस्ट के लिए दलालों ने रेट तय किए, 10 से 50 लाख की मांग: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में तैनात कई अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दलाल धमकी दे रहे हैं कि फिलहाल जिस सीट पर तैनात हो, उसी पर रहना है तो जो रेट चल रहे हैं, वो फीस देनी होगी। प्राधिकरण सूत्रों से पता चला है कि दलालों ने रेट और फीस तय कर दी है। सीनियर मैनेजर पद पर ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने के लिए 40 से लेकर 50 लाख रुपए, मैनेजर पद पर 20 से 30 लाख रुपए और जूनियर मैनेजर पद पर 10 लाख रुपए रेट तय करने में लगे हैं।

गोरखपुर और यूपीसीडा कानपुर ट्रांसफर करवाने की धमकी: बताया जाता है कि यह रेट ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना अथॉरिटी में तैनाती के नाम पर तय किए जा रहे हैं। पता यहां तक चला है कि 30 जून से पहले-पहले ट्रांसफर पोस्टिंग होनी है, यदि इससे पहले सौदा तय नहीं किया गया तो गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण के बाहर गोरखपुर और यूपीसीडा कानपुर प्राधिकरण में ट्रांसफर करा दिया जाएगा। 30 जून से पहले प्राधिकरणों में अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला होने की बात बताई जा रही है। हालांकि, अभी तक शासन स्तर पर इस तरीके की कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं, प्राधिकरण के अधिकारी भी अथॉरिटी में सक्रिय दलालों की भूमिका भी संदिग्ध मान रहे हैं। जल्द ही इस मामले में कुछ दलालों के नाम सामने आ सकते हैं और ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

अफसरों का दावा- दलालों पर होगी कार्रवाई: प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि ऐसे लोगों के नाम सामने आने के बाद इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। बड़ी बात यह है कि यह लोग पैसा लेने के लिए मिनिस्टर और शासन स्तर के अधिकारियों का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है।

Next Story