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बीजेपी दिल्ली के MCD चुनाव में अपनाएगी यूपी मॉडल

Admin Delhi 1
1 Nov 2022 6:35 AM GMT
बीजेपी दिल्ली के MCD चुनाव में अपनाएगी यूपी मॉडल
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दिल्ली न्यूज़: एमसीडी चुनाव को ध्यान में रखकर बीजेपी अपने सियासी व जातीय समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है। जिस तरह से बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पिछड़ों को एकजुट करने का फैसला किया था, कुछ उसी मॉडल पर दिल्ली में भी पार्टी ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग को जोड़ने के लिए मुहिम चलाने जा रही है। पार्टी की नजर दिल्ली में भी ओबीसी और व एससी मतदाताओं पर हैं। इस संबंध में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने सोमवार को ओबीसी व एससी वर्ग के कार्यक्रमों का ब्यौरा भी दिया। दिल्ली में ओबीसी और एससी वर्ग को जोड़ने के लिए बीजेपी ने इस मुद्दे पर भी दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश महामंत्री चहल के अनुसार, दिल्ली में आप सरकार को सात साल से अधिक वक्त हो चुका है। लेकिन, सरकार ने दिल्ली के ओबीसी व अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कोई भी काम नहीं किया। उनका आरोप था कि अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए जितने फंड आवंटित हैं, उस फंड का भी दिल्ली सरकार ने पूरा इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन, केंद्र सरकार ने इस वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जिसका सीधा लाभ उन्हें मिल रहा है, चाहे वह दीनदयाल अंत्योदय योजना हो या फिर कोई और योजना। इन सभी योजनाओं का लाभ दोनों वर्गों के लोगों को मिल रहा है।

दिल्ली में रहने वाले ओबीसी व एसीसी वर्ग के वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी इन दोनों वर्गों के नामचीन समाजिक कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं से संपर्क साधा है। चहल का कहना है कि आने वाले दिनों में इन दोनों वर्गों के कई बड़े नेता व सामाजिक कार्यकर्ता पार्टी जॉइन करने वाले हैं। केंद्र सरकार ने ओबीसी और एससी वर्ग के लिए जो कल्याणकारी योजनाएं लागू की है, उसके बारे में बारे वॉर्ड लेवल पर हर गली-मोहल्ले में इससे लोगों को अवगत कराया जाएगा। इसके लिए मंगलवार से प्रत्येक वॉर्ड में एक मुहिम व कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली में जितने वोटर्स हैं, उसका करीब 30 प्रतिशत ओबीसी वोटर्स हैं। करीब 16-17 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर्स हैं। इन दोनो वर्ग के वोटर्स ही कुल वोटरों के लगभग आधे हैं। इसके अलावा पार्टी का अपना कोर वोटर्स भी हैं। अगर इन दोनों वर्ग के वोटरों को किसी तरह से पार्टी जोड़ने में सफल होती है, तो एमसीडी चुनाव में फतह तय है। यही कारण है कि दिल्ली बीजेपी ने इन दोनों वर्गों के लिए अलग व विशेष कार्यक्रम बनाया है।

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