- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- मेयर चुनाव में बीजेपी...
दिल्ली: दिल्ली के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भले ही बीजेपी को पटखनी दे दी हो, लेकिन इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भी मेयर उसी का बने, ये निश्चित नहीं है। दरअसल, मेयर चुनाव में बीजेपी खेल कर सकती है। इसकी वजह ये है कि दिल्ली नगर निगम पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता। इससे मेयर चुनाव में पार्षद आसानी से क्रॉस-वोटिंग कर सकते हैं क्योंकि उन्हें अयोग्य ठहराए जाने का डर नहीं होगा। बीजेपी ने भी दावा कर दिया है कि दिल्ली में मेयर तो उसी की पार्टी का होगा।
2014 के डेप्युटी मेयर चुनाव में हो चुका है ये 'खेल'
एमसीडी के 250 वार्डों में से आम आदमी पार्टी ने 134 पर जीत हासिल की है। बीजेपी के खाते में 104, कांग्रेस को 9 और अन्य के खाते में 3 सीटें आई हैं। जिस 'खेल' की बात की जा रही है उसे 2014 में डेप्युटी मेयर के चुनाव में खेला जा चुका है। तब बीजेपी साउथ कॉर्पोरेशन में सत्ता में थी लेकिन कांग्रेस के पार्षद प्रवीण राना डेप्युटी मेयर का चुनाव जीतने में कामयाब हो गए थे। बुधवार को एमसीडी चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इशारा किया कि मेयर का चुनाव अब भी खुला हुआ है। उन्होंने चंडीगढ़ नगर निगम का जिक्र किया जहां बीजेपी की प्रतिद्वंद्वी के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं लेकिन मेयर बीजेपी का है।
बीजेपी नेता चंडीगढ़ का दे रहे नजीर जहां पार्षद कम होने के बावजूद बीजेपी का मेयर
बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इसी तरह के एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया है कि शहर में एक बार फिर उनकी पार्टी का मेयर होगा। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता कहते हैं, 'कुछ भी हो सकता है।'
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को भी अंदाजा है कि बीजेपी मेयर चुनाव में खेल करने की कोशिश कर सकती है। दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने तो बुधवार को ही आरोप लगा दिया कि उनके नवनिर्वाचित पार्षदों को खरीदने की कोशिश हो रही है। एमसीडी चुनाव के लिए आप के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भरोसा जताया है कि बीजेपी उनकी पार्टी के पार्षदों को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाएगी।
7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा एमपी और स्पीकर के चुने 13 एमएलए भी करेंगे वोटिंग
मेयर चुनाव में चुने गए पार्षदों के अलावा दिल्ली के सभी सातों लोकसभा सांसद, तीनों राज्यसभा सांसद और विधानसभा स्पीकर की तरफ से चिह्नित किए गए 13 विधायक भी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा एलजी के तरफ से भी 10 पार्षद मनोनीत किए जाते हैं लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होता। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि तीनों राज्यसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी का। दिल्ली में आमतौर पर मेयर को वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में एक साल के लिए चुना जाता है। हालांकि, इस बार तीनों निगमों के एकीकरण की वजह से एमसीडी चुनाव देरी से दिसंबर में हुए जो आम तौर पर मार्च अप्रैल में होते थे।