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लोकसभा में सेना से जुड़ा बिल पास, राजनाथ सिंह ने छोड़ी आगे की कुर्सी
नई दिल्ली: लोकसभा में कार्यवाही से ज्यादा हंगामा शुक्रवार को भी हुआ। नतीजा यह हुआ कि सेना से जुड़ा बिल पेश करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाराज हो गए। उन्होंने आगे की कुर्सी छोडक़र पीछे जाने का फैसला किया। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच दि इंटर सर्विसेज आर्गेनाइजेशन (कमांड कंट्रोल एंड डिसिपलिन) विधेयक 2023 और भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित किए गए। इससे पहले लोकसभा में बिल पर बात रखने की तैयारी कर रहे श्री सिंह बोलने ही वाले थे कि विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। नौबत यहां तक आ गई कि सांसद वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसी बीच, रक्षा मंत्री से जब बिल पेश करने के लिए कहा, तो उन्होंने स्पीकर से पीछे जाने की अनुमति मांग ली। श्री सिंह ने कहा कि महोदय हमारे सामने ही शोर शराबा हो रहा है, अगर इजाजत दें, तो पीछे जाकर अपनी बात कह लूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि महोदय ऐसी स्थिति में मेरी तरफ से विचार किया जाना संभव नहीं है, मैं यहां नहीं बोल सकता हूं। उन्होंने डिप्टी स्पीकर राजेंद्र अग्रवाल से पीछे जाकर बोलने की अनुमति मांगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दि इंटर सर्विसेज आर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिपलिन) विधेयक 2023 को पेश करते हुए कहा कि यह सेना के तीनों सेवाओं में अनुशासन बनाने में मददगार होगा। कमांडिंग ऑफिसर या कमांडिंग इन चीफ तीनों सेनाओं के मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया, जिसे भी ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
कई सांसदों ने दी सीट, लेकिन नहीं माने रक्षा मंत्री
कुर्सी छोडक़र पीछे की ओर बढ़ चले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कई सांसदों की ओर से गद्दी की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने पीछे जाकर अपनी बात को रखना शुरू कर दिया। इस दौरान उपसभापति ने भी सांसदों के हंगामे की निंदा की और कहा कि मंत्री को पीछे जाकर बोलना पड़े यह अच्छी बात नहीं है।
शोर-शराबे के बची राज्यसभा दिन भर के लिए स्थगित
राज्यसभा में शुक्रवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जहां राजस्थान की स्थिति तो, वहीं विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की जोरदार तरीके से मांग की, जिसके कारण हुए हंगामे के चलते एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।