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श्रद्धा के चैट में हुआ बड़ा खुलासा, बहुत पिटाई करता था आफताब
दिल्ली न्यूज़: श्रद्धा मर्डर केस में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में श्रद्धा की व्हाट्सएप चैट से उसके साथ हुई हैवानियत का पता चला है। श्रद्धा और उसके पूर्व टीम लीडर के बीच चैट में श्रद्धा ने कहा था कि आफताब ने मुझे इस कदर मारा है कि मैं उठ नहीं सकती। इसलिए काम नहीं कर सकती। श्रद्धा व करण भक्की के साथ हुई ये चैट 24 नवंबर, 2020 की है। इसमें वह तबीयत ठीक न होने की बात बता रही है। इसी समय आफताब ने उसे पीटा था। श्रद्धा चैट में कहती है कि उसे घर जाने से सब ठीक हो गया है और वह अब बाहर जा रहा है। उसने चैट में आगे लिखा था कि मैं आज काम नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि कल हुई मारपीट की वजह से उसका शायद बीपी कम हो गया है। उसके शरीर में दर्द हो रहा है। बैड से उठने की शरीर में एनर्जी नहीं बची है। उसने टीम लीडर को आगे लिखा था कि उसकी वजह से जो परेशानी हो रही है और जो काम का नुकसान हो रहा है उसके लिए मैं माफी मांगती हूं।
साथ ही श्रद्धा व उसे दोस्त की चैट भी सामने आई है। ये चैट दिसंबर, 2020 की है यानि उस समय की है जब आरोपी ने श्रद्धा के साथ मारपीट की थी। श्रद्धा दोस्त लक्ष्मण के साथ हो रही चैटिंग में अपनी चोट के बारे में बता रही है। उसके चेहरे पर चोट के काफी निशान थे। श्रद्धा ने अपने चेहरे का फोटो दोस्तों को भेजा था। इस चैट में महिला मंडल में शिकायत की बात की जा रही है। इस समय श्रद्धा तीन दिन अस्पताल में भर्ती रही थी। ये आरोप उसके दोस्तों ने लगाए हैं। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये चैट कब की है। कुछ ऐसी चैट भी सामने आई है जिसमें श्रद्धा मारपीट की बात भी छिपा रही है। ये चैट कब की है या पता नहीं लगा है। श्रद्धा अपनी नाक पर लगी चोट के बारे में दोस्त को बता रही है। उसने बताया था कि गिरने की वजह से उसकी नाक में फैक्चर हो गया।
गांजे का नशा करने को लेकर श्रद्धा आरोपी को टोका करती थी:
दिल्ली पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी गांजे का ज्यादा नशा करता था। उसे श्रद्धा गांजे का नशा करने पर टोका करती थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी गांजा व नशे का अन्य सामान कहां से लेकर आता था।
पांच दिन के भीतर आफताब का नार्को टेस्ट हो: साकेत कोर्ट ने रोहिणी फॉरेंसिक साइंस लैब को 5 दिन के अंदर आफताब का नार्को टेस्ट करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि आरोपी आफताब पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल ना किया जाए। दरअसल जब किसी आरोपी का नार्को टेस्ट करवाया जाता है तब उसकी रजामंदी भी जरूरी होती है। अदालत में जब आफताब से पूछा गया कि वह नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं? तब उसका जवाब था,'मैं अपनी सहमति देता हूं'।