दिल्ली-एनसीआर

जुमे की नमाज से पहले दिल्ली से करोड़ों मुस्लिमों के लिए आया बड़ा संदेश

Renuka Sahu
16 Jun 2022 4:50 AM GMT
Big message for crores of Muslims from Delhi before Friday prayers
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फाइल फोटो 

मुल्क के विभिन्न स्थानों पर जुमे की नमाज के बाद हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे ऐसे तत्वों पर नजर बनाए रखें जो मुल्क को दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुल्क के विभिन्न स्थानों पर जुमे की नमाज के बाद हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे ऐसे तत्वों पर नजर बनाए रखें जो मुल्क को दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं।

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्​दीन ओवैसी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी व महमूद मदनी के साथ ही तौकिर रजा खान जैसे नेताओं का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ऐसे चंद लोग है जो कौम को बर्बादी की राह पर ले जाना चाहते हैं, ऐसे तत्वों से सावधान रहना होगा। इसके लिए समाज के समझदार व जिम्मेदार लोग, जनप्रतिनिधि व बुजुर्ग लोगों को सामने आना होगा।
उन्होंने अब तक देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों को गलत बताते हुए कहा कि यह जरूरी था कि इसके लिए पहले से प्रशासन से सहमति ली जाती। समाज के लोगों को भी साथ में लिया गया होता। यह सही है कि पैंगबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, लेकिन इसका विरोध करने का तरीका अलग होता। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होता। उसमें बच्चों और युवाओं को शामिल नहीं किया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चंद लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू किए।
इसका नतीजा यह है कि दो युवाओं की मौत गोली लगने से हुई। इसके साथ ही कई लोग घायल हुए हैं। कई लोगों पर मुकदमें हुए हैं। कई जेलों में बंद हैं। इनमें ऐसे बहुत से लोग हैं जो गरीब है और पैरवी के लिए और जमानत के लिए उनके पास पैसे नहीं है।
आडियो संदेश में शाही इमाम ने कहा कि अगर जज्बात में बहने के साथ उसके अंजाम के बारे में भी सोच लिया गया होता तो यह नहीं होता, जैसा माहौल और मंजर आज मुल्क का है। उन्होंने कहा वह भी पिछले जुमे को तकरीरे कर सकते हैं। बस माइक उठाकर बोलना ही तो था, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया, क्योंकि ऐसा करना इस जज्बाती माहौल में आग में तेल छिड़कने जैसा होता।
पिछले शुक्रवार को जुमे के दिन जामा मस्जिद परिसर और बाहर प्रर्दशनों का कसूरवार चंद गैर जानकार लोगों को ठहराते हुए कहा कि वे पता नहीं कहा से आए और नारे लगाकर व पोस्टर लहराकर चले गए। सोचने वाली बात कि उनके शुरूआती नारे दिल्ली पुलिस के खिलाफ थे। यह माहौल को खराब करने की पूरी कोशिश थी, पर इस हालात को संभाल लिया गया।
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