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बेंगलुरू टेक समिट-2021: कल सिडनी डायलाग सत्र को पीएम मोदी करेंगे संबोधि‍त

Deepa Sahu
17 Nov 2021 5:03 PM GMT
बेंगलुरू टेक समिट-2021:  कल सिडनी डायलाग सत्र को पीएम मोदी करेंगे संबोधि‍त
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बेंगलुरु टेक समिट 2021 में सिडनी डायलाग (Sydney Dialogue) सत्र को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।

नई दिल्‍ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बेंगलुरु टेक समिट 2021 में सिडनी डायलाग (Sydney Dialogue) सत्र को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन सुबह लगभग नौ होगा जिसका विषय भारत की प्रौद्योगिकी क्रांति एवं विकास होगा। बेंगलुरु टेक समिट 2021 का यह 24वां संस्करण है। इसमें देश विदेश की चर्चित हस्तियां शामिल हो रही हैं।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को बेंगलुरू टेक समिट-2021 के 24वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President M. Venkaiah Naidu) ने इनोवेटर्स और उद्यमियों से उन मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया जिनका देश का कृषि क्षेत्र सामना कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इनोवेटर्स और उद्यमी किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करें। सम्‍मेलन में इस्राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍काट मारिसन ने वर्चुअल तौर पर भाग लिया। बेंगलुरु टेक समिट (बीटीएस)-2021 में अपने वीडियो संदेश में बेनेट ने कहा कि जब भारतीय और इजरायली साथ आते हैं तो करिश्मा करते हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच भविष्य की संभावनाएं तलाशने के लिए जल्द ही भारत यात्रा पर आने की उम्मीद भी जताई।
बेनेट ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी से मिला था और हमने भारत-इजरायल संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के कई उपायों पर बातचीत की थी। हमारे देशों के बीच प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग हमारी महान साझेदारी को नवाचार की एक ताकत में बदल सकता है। प्रौद्योगिकी में न केवल जीवन में मदद करने की शक्ति है वरन जीवन को बचाने की भी शक्ति है।
वहीं आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने कहा कि उनका देश बेंगलुरु में नया महावाणिज्य दूतावास स्थापित करने का इच्छुक है। इससे भारत में आस्ट्रेलिया के राजनयिक पदों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि बेंगलुरु दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता तकनीकी केंद्र है और आस्ट्रेलिया इसका हिस्सा बनना चाहता है। भारत की यूनिकार्न कंपनियों का एक तिहाई यहां है।
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