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इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन, भारत बायोटेक ने DCGI से मांगी मंजूरी

Deepa Sahu
20 Dec 2021 2:33 PM GMT
इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन, भारत बायोटेक ने DCGI से मांगी मंजूरी
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भारत बायोटेक ने अपने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन (Intranasal Covid vaccine) की बूस्टर डोज के लिए डीसीजीआई को तीसरे चरण के क्‍ल‍िनिकल ट्रायल के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है।

नई दिल्‍ली, भारत बायोटेक ने अपने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन (Intranasal Covid vaccine) की बूस्टर डोज के लिए डीसीजीआई को तीसरे चरण के क्‍ल‍िनिकल ट्रायल के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। कोविड रोधी यह वैक्‍सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवा चुके लोगों को भी दी जा सकती है। भारत बायोटेक ने इस टीके का विकास वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन के साथ कर रहा है। इसे 'इंट्रानेजल एंटीडोट' भी नाम दिया गया है। 'इंट्रानेजल एंटीडोट' नाक के जरिए दी जाने वाली संक्रमण रोधी दवा है।

उल्‍लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक की कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन कोवैक्सीन के आपात इस्‍तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी थी। भारत बायोटेक ने अक्‍टूबर महीने में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन कोवैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण के आंकड़े केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को सौंपे थे। यही नहीं पिछले महीने से भारत बायोटेक ने कोविड-19 के वैक्‍सीन कोवैक्सिन का निर्यात भी शुरू कर दिया था।

वहीं सरकार ने सोमवार को राज्‍यसभा में कहा कि कोरोन के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को लेकर वह पूरी तरह सतर्क है और इससे निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि महामारी की पहली और दूसरी लहर से मिले अनुभवों के आधार पर कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से निपटने को लेकर हम प्रत‍िबद्ध हैं। देश में ओमीक्रोन के 161 मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें से 13 फीसदी मामलों में लक्षण अत्यंत मामूली हैं।
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि ओमिक्रोन के 80 फीसद मामलों में कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं जबकि 44 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। ओमि‍क्रोन 96 देशों में फैल चुका है। सरकार लगातार इस पर नजर रख रही है। सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है। ओमिक्रोन के लिए भी दवाएं और प्रोटोकाल वही होंगे जो कोरोना के डेल्टा, गामा समेत दूसरे वैरिएंट के लिए रहे हैं। ओमिक्रोन के मामलों का पता लगाने के लिए 38 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं।
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