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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय युवा दिवस की पूर्व संध्या पर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत के युवाओं को तंबाकू की लत से बचाने की अपील की है। उन्होंने फिल्म और टेलीविजन के लिए पहले से लागू नियमों के समान, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंचों पर भी तंबाकू चेतावनी नियम लागू करने के महत्व को रेखांकित किया। इसके अलावा ‘सरोगेट …
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय युवा दिवस की पूर्व संध्या पर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत के युवाओं को तंबाकू की लत से बचाने की अपील की है।
उन्होंने फिल्म और टेलीविजन के लिए पहले से लागू नियमों के समान, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंचों पर भी तंबाकू चेतावनी नियम लागू करने के महत्व को रेखांकित किया।
इसके अलावा ‘सरोगेट विज्ञापनों’, ‘पॉइंट-ऑफ़-सेल’ तम्बाकू विज्ञापनों और धूम्रपान क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
अनुसार विशेषज्ञों ने 'विकसित भारत- तंबाकू-मुक्त भारत' वेबिनार के दौरान युवा आबादी को तंबाकू के आकर्षण से बचाने के महत्व पर जोर दिया।
महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए जीवाईटीएस-इंडिया सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए कहा, '13 से 15 वर्ष की आयु के लगभग हर पांचवें व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पाद का उपयोग किया था, और यह अनुपात अधिक उम्र वाले समूहों में और भी अधिक था।
भारत सरकार के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रमुख और एम्स, दिल्ली में प्रोफेसर डॉ. आलोक ठाकर ने 'तंबाकू के सेवन से जुड़े कैंसर के मामलों में खतरनाक वृद्धि' की ओर ध्यान दिलाया।उन्होंने कहा कि 'पिछले वर्ष में, विशेष रूप से धुआं रहित तंबाकू उत्पादों के लिए ‘सरोगेट विज्ञापनों’ का प्रसार हुआ है।”
सरोगेट विज्ञापन में कंपनी अपने किसी अन्य उत्पाद के विज्ञापन का इस्तेमाल परोक्ष रूप से अपने उन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए करती है जिनका विज्ञापन सरकारी नियमों के तहत प्रतिबंधित या सीमित है, जैसे सिगरेट और शराब।
नीति आयोग की निदेशक उर्वशी प्रसाद ने तम्बाकू से स्वास्थ्य को होने वाले गहरे नुकसान पर जोर दिया, जिसका कैंसर जैसी बीमारियों से निश्चित संबंध है। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का आग्रह किया और सरकार की पहल की सराहना की।