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अमित शाह की विपक्ष को चुनौती : राज्यसभा में हमारा बिल गिरा दो, अस्वस्थ मनमोहन सिंह सदन में रहे मौजूद

Rani Sahu
7 Aug 2023 5:45 PM GMT
अमित शाह की विपक्ष को चुनौती : राज्यसभा में हमारा बिल गिरा दो, अस्वस्थ मनमोहन सिंह सदन में रहे मौजूद
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नई दिल्ली (आईएएनएस)। सोमवार रात राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' पर वोटिंग से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि राज्यसभा में हमारा बिल गिरा दो। खास बात यह रही कि पूर्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह अस्वस्थ होने के बावजूद वोटिंग के लिए राज्यसभा में मौजूद रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन व्हीलचेयर पर संसद में आए। 90 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री अपने सहयोगी की मदद से सदन में व्हीलचेयर पर ही बैठे।
दरअसल, कांग्रेस ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी करके बिल के खिलाफ वोट करने को कहा था। इसके साथ ही पार्टी ने अस्वस्थ नेताओं के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की, जिससे वह विधेयक पर चर्चा के दौरान विधेयक के खिलाफ अपना वोट डाल सकें।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने राज्यसभा में विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि राज्यसभा में हमारा दिल्ली संशोधन विधेयक बिल गिरा दो।
गृहमंत्री ने कहा कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त तक सदन की कार्रवाई चलनी है, नेता प्रतिपक्ष मणिपुर पर चर्चा के लिए हां कह दे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष नियम 267 के तहत यह चर्चा चाहता है। इस नियम में चर्चा के अंत में मतदान का प्रावधान है। गृहमंत्री ने कहा कि यह नियम इसलिए बना है कि जब कोई सरकार बजट के तुरंत बाद अल्पमत में आ जाए और कोई बिल ही न लाए तो राज्यसभा में अविश्‍वास प्रस्ताव का कोई प्रावधान नहीं है, ऐसे में वोटिंग के साथ चर्चा हो, इसलिए यह रूल लाया गया है।
उन्होंने कहा, ''मैं अभी देश की जनता के सामने कहता हूं कि 11 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए हां बोल दें, मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं।''
अमित शाह ने कहा कि वह सदन में कितनी भी लंबी चर्चा के लिए तैयार हैं। इस पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने चर्चा कराने को कहा, लेकिन अमित शाह ने कहा कि आपको मालूम है कि अभी चर्चा नहीं हो सकती। कुछ सदस्यों ने 11 तारीख से पहले चर्चा कराने की मांग की। इस पार गृहमंत्री ने कहा कि जब इनको मालूम है कि लोकसभा में अविश्‍वास चर्चा पर प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, तब ये चाहते हैं कि मैं यहां बैठू। अविश्‍वास प्रस्ताव यही लेकर आए हैं। अमित शाह ने कहा कि 11 तारीख को चर्चा कराने में क्या बुराई है।
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