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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना के अवैध फार्म हाउसों को 20 दिन की दी मोहलत, मांगे जवाब

Admin Delhi 1
14 Jun 2022 12:05 PM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना के अवैध फार्म हाउसों को 20 दिन की दी मोहलत, मांगे जवाब
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा में यमुना नदी के खादर क्षेत्र में बसाए गए अवैध फार्म हाउसों को प्रयागराज हाईकोर्ट ने 20 दिनों की मोहलत दे दी है। दरअसल, बड़ी संख्या में फार्म हाउस मालिक नोएडा अथॉरिटी की तोड़फोड़ के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। ग्रीष्मकालीन अवकाश होने के बावजूद इन लोगों ने मामले में अत्यावश्यकता बताई। जिस पर मंगलवार को जस्टिस एमके गुप्ता और समीर जैन की पीठ ने सुनवाई की। अदालत ने नोएडा अथॉरिटी को 10 दिनों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके 10 दिन बाद याचीगण अपना प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस दौरान नोएडा अथॉरिटी फार्म हाउसों को नहीं तोड़ेगी।

फार्म हाउस मालिकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया: फार्म हाउस मालिकों ने एक एसोसिएशन के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन लोगों ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके फार्म हाउस लंबे अरसे से यमुना खादर क्षेत्र में बने हुए हैं। इनमें कोई भी अनाधिकृत निर्माण नहीं किया गया है। नोएडा अथॉरिटी की ओर से करीब एक सप्ताह पहले एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। जिसमें फार्म हाउसों को अवैध करार देते हुए ध्वस्त करने की चेतावनी दी गई है। प्राधिकरण ने पूरे इलाके में ध्वस्तीकरण अभियान छेड़ रखा है। फार्म हाउस मालिकों ने अदालत को बताया कि यह हमारे संपत्ति के अधिकार का हनन करता है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। प्राधिकरण के डिमोलिशन आर्डर को रद्द किया जाए।

प्राधिकरण के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा: दूसरी ओर नोएडा अथॉरिटी और राज्य सरकार के वकील न्यायालय के सामने हाजिर हुए। प्राधिकरण के वकील ने याचीगणों के तर्कों पर जवाब दाखिल करने के लिए न्यायालय से वक्त की मांग की। इस पर अदालत ने अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है। इस जवाब पर प्रत्यत्तर दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं को भी 10 दिन दिए गए हैं। अदालत ने 20 दिन बाद मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है। प्राधिकरण को आदेश दिया गया है कि इस दौरान फार्म हाउसों पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की जाएगी। कुल मिलाकर फार्म हाउस मालिकों को फिलहाल 20 दिन की मोहलत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दे दी है।

बाकी फार्म हाउस मालिकों को भी कोर्ट आने की इजाजत: अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बाकी फार्म हाउस मालिकों को याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दे दी है। दरअसल, अथॉरिटी की ओर से सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। जिसके आधार पर सभी फार्म हाउसों को अवैध घोषित कर दिया गया है। लिहाजा, उसी नोटिस के आधार पर बाकी फार्म हाउस मालिक भी इस मुकदमे में शामिल हो सकते हैं। अदालत ने कहा है कि इस प्रकरण की सुनवाई में ही बाकी लोग शामिल हो जाएं। बाद में अलग से किसी की याचिका नहीं सुनी जाएगी। मतलब यह है कि इस मामले में जो फैसला आएगा, वह बाकी फार्म हाउसों पर भी लागू माना जाएगा।

इस बार समस्या का हो जाएगा स्थाई समाधान: प्रयागराज हाईकोर्ट में दायर यह याचिका यमुना खादर क्षेत्र में बने फार्म हाउसों का स्थाई समाधान कर देगी। जानकारों का कहना है कि अभी तक ना तो नोएडा अथॉरिटी की ओर से इस स्तर पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी और ना ही कभी फार्म हाउस मालिक अदालत पहुंचे थे। यह मुकदमा इन फार्म हाउस का भविष्य निर्धारित कर देगा। कुल मिलाकर यमुना खादर क्षेत्र में बने फार्म हाउसों से जुड़ी समस्या का स्थाई समाधान निकल आएगा।

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