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आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात एयर कस्टम की टीम आधुनिक तकनीक और पैनी नजर से तस्करों पर पड़ रही भारी
दिल्ली: जहां एक ओर हवाई मार्ग से विदेशों से आने व विदेश जाने के दौरान अपने साथ तस्करी के सामानों को नई नई जुगत से कस्टम और सुरक्षा कर्मियों की नजर से बचाने के नई जुगत में होते हैं। वहीं एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम व सुरक्षा कर्मियों की टीम भी ऐसे शातिर तस्करों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए लगातार अपने को अपडेट कर रही है। इसके लिए टीमें विशेष प्रशिक्षण से अपनी नजरों को पैनी कर रही है, वहीं इसके लिए आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है। जो एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले तस्करों पर भारी पड़ रही है। इसी का परिणाम है 4 अक्तूबर को दिल्ली के आईजीआई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम की टीम ने एक ऐसे तस्कर को पकड़ा है जो अपने साथ करीब एक करोड़ से अधिक मूल्य के सात कीमती ब्रांडेड घड़ियां और 28 करोड़ रुपये मूल्य के हीरों से जड़ित एक ब्रेसलेट दुबई से छुपाकर दिल्ली आया था। यहां पहुंच एयरपोर्ट के ग्रीन चैनल को पार कर निकलने की जुगत में था, पर तैनात टीम ने उसके प्रोफाइलिंग और बिहेवियर डिटेक्शन के आधार पर उसे दबोच लिया। जांच करने पर उसके पास से जो सामान मिले वह दिल्ली कस्टम द्वारा आज तक जब्त किये गए सामानों के कीमत के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
गुजरात का है निवासी, दिल्ली के हाई प्रोफाइल क्लाइंट तक पहुंचाना था: दुबई से करोड़ों की घडियां व ब्रेसलेट लेकर पहुंचा आरोपी यात्री गुजरात का रहने वाला है। उसके चाचा का दुबई में महंगी घडिय़ों का एक शोरूम है, जिसकी शाखाएं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अन्य स्थानों पर भी हैं। वहीं से वह इन घडियों लेकर दिल्ली पहुंचा था। यहां उसे हाई- प्रोफाइल क्लाइंट को वह घडियां व ब्रेसलेट देने थे, जिसके लिए उसे यहां के एक पांच सितारा होटल में मिलना था। इससे पहले भी कस्टम ने तस्करी की कीमती ब्रांडेड घडिय़ां खरीदने व बेचने वाले कनॉल प्लेस के दो घड़ी कारोबारी के यहां कस्टम ने छापेमारी की थी और 29 घडियां बरामद की थी।
विदेश से सोना लाने के क्या है नियम: विदेश से सोना भारत लाने के लिए कस्टम विभाग की ओर से बैगेज रूप 2016 बनाया गया है। इसमें अलग-अलग यात्रियों के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हंै। इसके अनुसार अगर एक साल या उससे अधिक समय से विदेश में रह रहा कोई पुरुष विदेश से आता है तो अपने साथ अधिकतम 20 ग्राम तक व महिला व बच्चे 40 ग्राम तक सोना ला सकता है, जिसकी अधिकतम कीमत एक लाख रुपये तक हो। इसके लिए उसे किसी प्रकार की कस्टम ड्यूटी नहीं देनी होगी। इससे अधिक 1 किलोग्राम सोना लाने पर कस्टम को ड्यूटी के रूप में यात्री को 12.5 प्रतिशत ड्यूटी अदा करनी होगी। वहीं छह माह के अंदर विदेश से लौट रहे यात्री को इतना सोना लाने पर 38 प्रतिशत ड्यूटी व छह माह से अधिक समय के बाद लौट रहे यात्री को 14 प्रतिशत ड्यूटी देनी होती है। इसके साथ ही यात्री को अपने साथ खरीदे गए सोने बिल रखना जरूरी होता है।
दुबई में सोना पर नहीं लगता है वैट या सेल्स टैक्स: भारत में सोना तस्करी का सबसे मुख्य मार्ग दुबई है। इसका कारण है दुबई में सोना खरीदने पर वैट या सेल्स टैक्स नहीं देना पड़ता है। इससे वहां सोना खरीदना भारत से काफी सस्ता है। तस्कर वहां सोना लेकर विभिन्न माध्यमों से भारत पहुंचते हैं। इसके अलावा बैंकाक, रियाद, अबू धाबी, सऊदी अरब, तुर्कमेनिस्तान और सिंगापुर में भी भारत के मुकाबले सोना खरीदना काफी सस्ता होता है।
तस्करी अपनाते हैं नए नए तरीके: तस्कर भारत में सोना लाने और उस सोना को एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम कर्मियों की पैनी नजरों से बचने के लिए तस्कर नए नए तकनीक अपनाते रहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा यात्री बैगेज में फॉल्स तली बनाने साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामानों में उनके पार्ट्स सोने का बनाकर पहुंचते हैं। शातिर तस्कर सख्त सोना के साथ ही सोने का पेस्ट भी लाते हैं, जिसे कई बार तस्कर अपने शरीर के गुप्तांगों तक में छुपा रखा होता है। यही तकनीक तस्कर अपना साथ लाए जाने वाले नशीले पदार्थ के साथ भी करते हैं। वहीं वह तस्कर जो भारत से छुपाकर विदेशी करेंसी विदेश ले जा रहे होते हैं वे भी इन्हीं तकनीकों का उपयोग करते हैं।
यात्रियों द्वारा भरे गए फॉर्म के आधार पर मिलता है ग्रीन व रेड चैनल: विदेश से भारत पहुंचने पर यात्रियों को एयरपोर्ट पर एक फॉर्म भर कर कस्टम के काउंटर पर जमा करना होता है। वह एक डिक्लेरेशन फॉर्म होता है, जिसमें ये बताना होता है कि उन्होंने वहां से क्या-क्या खरीदारी की है और उसकी कीमत क्या है। अगर यात्री किसी प्रकार का कोई ऐसा सामान अपने साथ नहीं लेकर आ रहा है, जिस पर उसे ड्यूटी चुकानी हो, तो वह ग्रीन चैनल से गुजरता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति विदेश से ऐसे सामान ला रहा है, जिस पर उसे टैक्स देना है, तो उसे रेड चैनल से गुजरना होता है। सामान पर टैक्स इस पर निर्धारित होता है कि यात्री ने कितने दिन विदेश में बिताए हैं। नियमानुसार यात्री को 50 हजार रुपए तक का सामान पर छूट मिलती है। वहीं यात्री नेपाल, भूटान या म्यांमार से आ रहा होता है तो इसे 15 हजार रुपए तक पर ही छूट मिलेगी।
तकनीक के साथ पैनी नजर तस्करों पर भारी: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के साथ ही देश के लगभग सभी प्रमुख एयरपोर्ट पर कस्टम और सुरक्षा एजेंसी द्वारा प्रवेश और निकास दोनों ही मार्ग पर अत्याधुनिक मैटर डिटेक्टर और एक्सरे मशीन लगाए गए हैं। ये मशीन छोटे से छोटे मैटेल को डिटेक्ट कर लेते हैं। वहीं विशेष रूप से सामानों की जांच के लिए बने एक्सरे मशीन में हर समान के अलग-अलग रंगों से दिखाया जाता है। इसकी पहचान के लिए जांच कर्मी विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं। शातिर तस्कर सामानों के बीच सोना, करेंसी या अन्य तस्करी के सामान छुपा देते हैं। पर यह एक्स रे मशीन उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके साथ ही कस्टम व एयरपोर्ट सुरक्षा में तैनात कर्मियों को विशेष रूप से इंटेलिजेंस और बिहैवियर डिटेक्शन का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे यात्रियों के हाव भाव, चाल ढाल और व्यवहार को देख कर उनकी पहचान कर उनकी प्रोफाइलिंग करते हैं।
प्रतिदिन की जाती है रैंडम चेकिंग: एयरपोर्ट पर कस्टम की ओर से प्रतिदिन रैंडम चेकिंग का नियम अपनाया जाता है। इसमें प्रोफाइलिंग के आधार पर चयनित संदिग्ध यात्रियों को अलग कर उनकी और उनके सामानों की गहन जांच होती है। इसमें कस्टम को मिली गुप्त सूचना के आधार पर भी यात्रियों का चयन होता है। 4 अक्तूबर को भी पकड़े गए यात्री को इसी के तहत पकड़ा गया था।