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अलउमर-मुजाहिदीन के संस्थापक अहमद जरगर को केंद्र सरकार ने आतंकवादी घोषित किया, 1999 में विमान को हाईजैक करने में था शामिल

Renuka Sahu
14 April 2022 5:03 AM GMT
अलउमर-मुजाहिदीन के संस्थापक अहमद जरगर को केंद्र सरकार ने आतंकवादी घोषित किया, 1999 में विमान को हाईजैक करने में था शामिल
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फाइल फोटो 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अलउमर-मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर को गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी के रूप में नामित किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अलउमर-मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी के रूप में नामित किया है. जरगर 1999 के इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट हाईजैक में रिहा किए गए आतंकवादियों में से एक था. बताया जाता है कि अलउमर मुजाहिदीन (AUM) की स्थापना सशस्त्र संघर्ष के जरिए से जम्मू व कश्मीर को भारत से मुक्त करने के उद्देश्य से की गई थी. एयूएम के 'चीफ कमांडर' जरगर 1988 और मई 1989 में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान चला गया था.

इस आतंकी को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है और उसने कथित तौर पर कश्मीरी पंडितों की हत्याओं सहित कई वारदातों को अंजाम दिया है.
जम्मू-कश्मीर के इन इलाकों में सक्रिय था अलउमर-मुजाहिदीन
बताया जाता है कि अलउमर-मुजाहिदीन का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद के नरुल इलाके में मुख्यालय रहा है. एयूएम को श्रीनगर, कुपवाड़ा, पुलवामा और बारामूला में सक्रिय माना जाता था. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के समर्थन से समूह ने कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के दौरान 2002 में चुनावी उम्मीदवारों पर हमले करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के साथ काम किया था. संगठन ने भारत के खिलाफ संगठित हमलों को अंजाम देने के लिए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और अन्य आतंकी संगठनों के साथ भी काम किया है.
पिछले महीने पाकिस्तान में जैश-ए- मोहम्मद एक एक आतंकवादी मिस्त्री जहूर इब्राहिम की हत्या कर दी गई थी. बताया गया कि ये आतंकी 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण और रूपिन कात्याल नाम के यात्री की चाकू मार कर हत्या करने में संलिप्त था. भारत में अधिकारियों ने कहा था कि मारा गया कारोबारी इब्राहिम था, जो कई वर्षों से जाहिद अखुंद नाम की झूठी पहचान के साथ रह रहा था. कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान डॉक्टर कूट भाषा नाम वाला इब्राहिम कराची की अख्तर कॉलोनी में क्रीसेंट फर्नीचर (दुकान) का मालिक था.
इंडियन एयरलाइंस के विमान में सवार थे 176 लोग
बता दें कि इंडियन एयरलाइंस के IC-814 का नेपाल से 24 दिसंबर 1999 को अपहरण कर लिया गया था. विमान में पांच अपहरणकर्ता और चालक दल के 15 सदस्य सहित 176 लोग सवार थे. विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई में कुछ देर के लिए उतारने के बाद आखिरकार अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया, जो उस वक्त तालिबान के नियंत्रण में था.
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