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दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान और केयर ऑनको बायोटेक के बीच करार, कैंसर मरीजों का होगा टेस्ट
Deepa Sahu
25 May 2022 6:39 PM GMT
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दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (Delhi State Cancer Institute) और केयर ऑनको बायोटेक (Care Onco Biotech) ने आज एक साझा करार किया.
दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (Delhi State Cancer Institute) और केयर ऑनको बायोटेक (Care Onco Biotech) ने आज एक साझा करार किया. इस MoU के तहत योजना है कि अगले 5 साल में 15000 कैंसर मरीजों का TEP Scan™ टेस्ट किया जाएगा. ब्लड के ज़रिए कैंसर का पता लगाने वाला TEP Scan जेनोमिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है. साथ ही इस विश्वसनीय टेस्ट से बहुत कम कीमत और वक्त में किसी को कैंसर है या नहीं इसकी जानकारी मिल सकेगी. TEP Scan™ तकनीक के ज़रिए न केवल शुरुआती स्टेज पर ही कैंसर की जानकारी मिल सकती है. बल्कि मरीज के चल रहे कैंसर के उपचार की प्रभावशीलता की भी जानकारी मिलेगी.
दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के निदेशक डॉक्टर किशोर सिंह ने कहा कि मुझे ये कहते हुए काफी खुशी हो रही है कि TEP Scan को भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया है और हमने इस पद्धति के लिए केयर ऑनको बायोटेक से करार किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान TEP Scan™ टेस्ट को सत्यापित करने में मदद करेगा. जिससे इसकी एक्यूरेसी की जानकारी लग सके. कम पैसे, कम वक्त और आसानी से उन लैब में भी इस टेस्ट को इस्तेमाल में लाया जा सकता है जहां संसाधन कम हैं.
हमारी कोशिश है कि सही वक्त पर बीमारी की जानकारी हो-केयर ऑनको बायोटेक
वहीं, केयर ऑनको बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक निदेशक रूपा मित्रा ने बताया कि हमारी कोशिश है कि लोगों को सही वक्त पर बीमारी की जानकारी हो जिससे इलाज में देरी न हो. शुरुआती स्तर पर कैंसर की पहचान से उसके निदान की संभावना काफी बढ़ जाती है. हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान से हाथ मिलाने की वजह से काफी फायदा होगा.
आईआईटी दिल्ली के कंप्यूटेशनल बायोलॉजी और कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और केयर ऑनको बायोटेक के मुख्य विज्ञानिक सलाहकार डॉक्टर देबारका सेन गुप्ता ने कहा " इस टेस्ट की खोज के बाद मुझे काफी गर्व हो रहा है कि हमने इसको सत्यापित करने को लेकर दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान से हाथ मिलाया है. अलग अलग तरह के कैंसर से पीड़ित 15000 मरीजों के टेस्ट सैंपल के दम पर हमारे पास एक पुख्ता डेटा आएगा, जिससे कि आने वाले वक्त में लिक्विड बायोप्सी पर आधारित कैंसर की स्क्रीनिंग में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा."
वही, दिल्ली आईआईटी के कंप्यूटेशनल बायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और केयर ऑनको बायोटेक में लैब ऑपरेशन के प्रमुख सलाहकार डॉक्टर गौरव आहूजा ने कहा कि TEP Scan™ टेस्ट जल्दी किया जा सकता है. साथ ही ये भरोसेमंद है.इससे कैंसर के मरीजों की जल्दी पहचान मुमकिन हो पाएगी और देश कैंसर से लड़ाई मजबूती से लड़ पाएगा. मरीजों में कमी आएगी.
मौजूदा समय में दूसरे देशों में उपलब्ध कैंसर के टेस्ट की एक्यूरेसी 50% है
हर साल 14 लाख नए कैंसर के मरीजों की पहचान होती है पर इनमें से 80% मरीजों की बीमारी का पता तीसरे या चौथे चरण तक कैंसर के पहुंचने पर चलता है. भारत के बाहर इस टेस्ट की कीमत करीब 50000 रु से लेकर 1 लाख रुपए तक आती है. वहीं, भारत में इस टेस्ट के लिए मरीजों से महज़ 8000- 10000 रुपये लेने का प्रस्ताव है. मौजूदा समय में दूसरे देशों में उपलब्ध कैंसर के टेस्ट की एक्यूरेसी 50% है जबकि ये टेस्ट 95% सटीक है.
आने वाले वक्त में मुमकिन है कि ये 99% तक सटीक साबित होगी. यह टेस्ट सभी तरह के कैंसर का पता लगाने में सक्षम है. बड़ी बात नहीं कि, यह टेस्ट अलग अलग तरह के कैंसर का जल्दी पता लगाने में वरदान साबित होगा और दूसरे तरह का कैंसर जिसकी कोई स्क्रीनिंग अब तक नहीं हो पाती उनका भी जल्दी पता लगा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में ये मदद करेगा.
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