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तुस्याना ज़मीन घोटाले के बाद अब लीजबैक घोटाले के जांच की मांग हुई तेज

Admin Delhi 1
22 Nov 2022 3:12 PM GMT
तुस्याना ज़मीन घोटाले के बाद अब लीजबैक घोटाले के जांच की मांग हुई तेज
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एनसीआर नॉएडा क्राइम न्यूज़: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के दायरे वाले वेस्ट के गांव खैरपुर गुर्जर में हुए लीजबैक घोटाले की जांच की मांग तेज हो गई है। गाजियाबाद सिविल कोर्ट के एडवोकेट विनोद कुमार वर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र भेजकर खैरपुर गुर्जर में हुए लीजबैक जमीन घोटाले की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में जांच करने के लिए एसआईटी गठित की जाए। विनोद कुमार वर्मा का आरोप है कि इस लैंड लीजबैक घोटाले से विकास प्राधिकरण को सैकड़ों करोड़ रुपए का चूना लगाया गया है।

'अफसरों ने शासनादेश का उल्लंघन किया': विनोद कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने खैरपुर गुर्जर गांव में लीजबैक की हैं। जिसमें बड़ा खेला किया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में आबादी के 2,192 प्रकरण हैं, जिनमें 1,451 प्रकरण 24 अप्रैल 2010 के शासनादेश से आच्छादित हैं। जिनमें लीजबैक कराने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि लीजबैक के शासनादेश में स्पष्ट लिखा है कि उन्हीं किसानों को यह लाभ दिया जाएगा जिन किसानों को 6 प्रतिशत आबादी के प्लॉट नहीं मिले हैं। उन्होने बताया कि इसका साफ मतलब है कि लीजबैक का लाभ लेने वाले किसानों को 6 और 10 प्रतिशत आबादी के प्लॉट का लाभ नहीं मिलेगा।

एडवोकेट वर्मा ने गड़बड़ी के कई उदाहरण सामने रखे: एडवोकेट वर्मा कहते हैं, "खैरपुर गुर्जर गांव में बडा खेल हो गया है। मैं एक उदाहरण देता हूं। खसरा नंबर 205 में अथॉरिटी की सर्वे रिपोर्ट संख्या 16 में कोई आबादी नहीं थी। केवल एके बोरिंग था लेकिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने गैर कानूनी तरीके से इस खसरा नंबर में 6,000 वर्ग मीटर जमीन आबादी के नाम पर बोर्ड बैठक संख्या 88 में जगत सिंह पुत्र रामचंद्र के नाम छोड़ दी। इस जमीन की 2 अगस्त 2018 को लीजबैक कर दी गई। इसके बाद अमित पुत्र विजयपाल की शिकायत पर 17 सितंबर 2020 को निरस्त कर दी गई। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। खैरपुर गुर्जर गांव में ही महेश शर्मा के नाम 7,000 वर्ग मीटर जमीन की लीजबैक करके छोडी गई है। इसी तरह धनपाल की 8,654 वर्ग मीटर जमीन छोड़ी गई। अजय चौधरी और उसके भाईयों के नाम 13,828 वर्ग मीटर जमीन का लाभ बोर्ड बैठक में दिया गया।" विनोद वर्मा ने आगे कहा, "इस तरह खैरपुर गुर्जर गांव में एक दर्जन से ज्यादा लीजबैक के मामले हैं, जो 24 अप्रैल 2010 के शासनादेश का सीधा उल्लंघन करते हैं।

'जांच हो और घोटालेबाजों पर कार्रवाई करें': एडवोकेट विनोद वर्मा ने सीएम से मांग की है कि जांच करने के लिए एसआईटी बनाई जाए। अथॉरिटी के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। अफसरों और घोटालेबाज लोगों ने मिलकर अथॉरिटी को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। एक तरफ यह सारे लोग करोड़पति बन गए हैं तो दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर 6,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज हो गया है। प्राधिकरण को इन लोगों ने जमकर लूटा है।

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