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पंजाब में जीत के बाद अब कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ पर आप की एंट्री, पार्टी ने किया विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला

Renuka Sahu
20 March 2022 2:18 AM GMT
पंजाब में जीत के बाद अब कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ पर आप की एंट्री, पार्टी ने किया विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला
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फाइल फोटो 

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाहर पंजाब में अपनी जोरदार जीत का धमाका करके बड़ी पार्टियों की बेचैनी बढ़ा दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाहर पंजाब में अपनी जोरदार जीत का धमाका करके बड़ी पार्टियों की बेचैनी बढ़ा दी है। अब पंजाब में जीत के बाद आप की नजर छत्तीसगढ़ पर है। यहां कांग्रेस की सरकार है और अब आप पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया है।

गोपाल राय आज जाएंगे छत्तीसगढ़
केजरीवाल की पार्टी ने इसके लिए अभी से योजना बनाना शुरू कर दिया है। वहीं आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे, ताकि वर्तमान में कांग्रेस के शासन वाले राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी की तैयारियों को गति दी जा सके।
राय के साथ आप के पूर्वांचल विंग के प्रभारी और बुराड़ी विधायक संजीव झा छत्तीसगढ़ जाएंगे। वह रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे और राज्य में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान भी शुरू करेंगे।
बुराड़ी विधायक संजीव राय ने कहा कि आप कार्यकर्ता सोमवार को रायपुर में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा निकाली जाने वाली विजय यात्रा में भाग लेंगे, ताकि पंजाब में पार्टी की शानदार जीत को चिह्नित किया जा सके। वहीं इस यात्रा से लोगों में पार्टी का संदेश पहुंचाएंगे।
कांग्रेस सरकार से निराश हैं युवा
उन्होंने कहा कि पार्टी ने अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है क्योंकि राज्य के लोग, खासकर युवा और महिलाएं, कांग्रेस सरकार से निराश हैं और बदलाव चाहते हैं। साथ ही कहा कि अलग राज्य के रूप में गठन के बाद 15 साल तक भाजपा शासन रहा, परंतु इसने अपने वादों को पूरा नहीं किया।
पिछले विधानसभा चुनाव में लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया और कांग्रेस को अपना जनादेश दिया। लेकिन कांग्रेस अपने साढ़े तीन साल के शासन के दौरान राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में भी पूरी तरह से विफल रही है। बता दें कि आप पार्टी ने 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों में से 85 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन अपना खाता नहीं खोल सकी थी।
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