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आखिर कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? - अमित शाह

Rani Sahu
26 May 2023 12:42 PM GMT
आखिर कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? - अमित शाह
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| संसद के उद्घाटन को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने सेंगोल को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए सवाल पूछा है कि आखिर कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है?
अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर सेंगोल के अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कांग्रेस के मानसिक दिवालियेपन की पराकाष्ठा है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय महžव और देश की आजादी से जुड़े एक महत्वपूर्ण तथ्य की अनदेखी करने और उसका अपमान करने का घोर पाप किया है। भारत की महान विरासत और परंपराओं की गहरी समझ रखने वाला व्यक्ति ही यह सुनिश्चित कर सकता था कि इस तरह की महत्वपूर्ण घटना को इतिहास में उचित स्थान दिया जाए जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के प्रतीक के तौर पर 1947 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री को सौंपे गए सत्ता हस्तांतरण की प्रतीक सेंगोल को नई संसद में रखे जाने का निर्णय लिया है जोकि अत्यंत प्रशंसनीय है।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि, अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक काम किया है। थिरुवथुरई अधीनम, जो शैव मत का एक पवित्र मठ है, उन्होंने खुद देश की स्वतंत्रता के वक्त सेंगोल की अहमियत के बारे में बताया था। कांग्रेस अब अधीनम मठ के इतिहास को ही फर्जी करार दे रही है! कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करना चाहिए।
शाह ने कांग्रेस की कटु आलोचना करते हुए एक और ट्वीट में कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा पंडित नेहरू को एक पवित्र सेंगोल (राजदंड) दिया गया था, लेकिन इसे 'वॉकिंग स्टिक' के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया।
दरअसल, अमित शाह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर ये तीखे हमले किए जिसमें कांग्रेस नेता ने यह दावा किया था कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित नेहरू ने सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक कहा था।
--आईएएनएस
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