दिल्ली-एनसीआर

6 साल बाद आज आयोजित होगा मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन, PM मोदी करेंगे उद्घाटन

Renuka Sahu
30 April 2022 2:55 AM GMT
After 6 years, a conference of Chief Ministers and Chief Justices of High Courts will be held today, PM Modi will inaugurate
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फाइल फोटो 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी. उसके मुताबिक राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री संबोधित भी करेंगे. यह सम्मेलन छह साल बाद हो रहा है. इससे पहले 2016 में यह सम्मेलन हुआ था. पीएमओ ने कहा कि 2016 से अब तक सरकार ने अवसंरचना में सुधार और ई-कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत अदालती प्रक्रियाओं में डिजिटल प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं.

सम्मेलन न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का एक मंच है. अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए न्यायमूर्ति रमणा के प्रस्ताव को सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनाया गया है. संबंधित कार्यक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि न्यायिक रिक्तियों को भरने, लंबित मामलों, कानूनी सहायता सेवाएं और भविष्य के प्रारूप तथा ई-अदालत चरण-तीन जैसे विषय एजेंडे के शीर्ष पर रखे गए हैं. न्यायमूर्ति रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे.
6 साल पहले हुआ था पिछला सम्मेलन
सम्मेलन के उद्घाटन के बाद विभिन्न कार्य सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश एजेंडे में शामिल विषयों पर चर्चा करेंगे और आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास करेंगे. सामान्य तौर पर इस तरह के सम्मेलन हर दो साल में होते हैं, लेकिन कुछ अपवाद भी हैं. पिछला सम्मेलन अप्रैल 2016 में आयोजित किया गया था. यह इससे पूर्व 2015 और इससे पहले 2013 में आयोजित किया गया था. कुछ महीने पहले न्यायमूर्ति रमण ने अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के वास्ते भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था.
'राज्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया प्रस्ताव'
प्रस्तावित संगठन भारतीय अदालत प्रणाली के लिए कार्यात्मक बुनियादी ढांचे के नियोजन, निर्माण, विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए प्रारूप तैयार करने में एक केंद्रीय निकाय के रूप में कार्य करेगा. सरकार ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि प्रस्ताव राज्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया है क्योंकि उच्च न्यायालयों और निचली न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य सरकारों की प्रमुख भूमिका होती है.
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