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दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस में गिरफ्तार 14 दिन की पुलिस रिमांड के बाद शनिवार को तिहाड़ जेल पहुंचा आरोपी आफताब अमीन यहां जेल का कैदी नंबर-11529 बना है। इसे तिहाड़ की जेल नंबर-4 में रखा गया है। यहां इसे वॉर्ड नंबर-15 के सेल नंबर-16 में रखा गया है। इस जेल को मुलाहजा जेल यानी फर्स्ट टाइमर कैदियों वाली जेल भी कहा जाता है। जहां किसी जुर्म में पहली बार गिरफ्तार किए जाने वाले विचाराधीन कैदियों को रखा जाता है, ताकि ऐसे कैदी तिहाड़ में पहले से बंद अन्य खतरनाक कैदियों और गैंगस्टरों की संगत से दूर रह सकें।
आफताब से कहा गया- किसी भी सूरत में बाहर न निकले
जेल सूत्रों ने बताया कि जेल के जिस सेल में आफताब को बंद किया गया है, उसमें इसके साथ दो और कैदी भी हैं। यह दोनों कैदी चोरी-झपटमारी जैसे मामलों में बंद हैं। हालांकि, इसके वॉर्ड में 60 से अधिक कैदी और हैं। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से जब इन 60 कैदियों के घूमने का वक्त होता है, तब आफताब को उसके सेल में ही बंद करके रखा जाता है। जब यह 60 कैदी बंद रहते हैं, तब आफताब और इसके साथ बंद किए गए दो अन्य कैदी अपनी सेल से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन आफताब से बोल दिया गया है कि वह किसी भी सूरत में अपने वॉर्ड से बाहर ना निकले। नहीं तो उसके ऊपर इस मामले को लेकर गुस्साए दूसरे कैदी जानलेवा हमला कर सकते हैं।
जेल सूत्रों का कहना है कि जेल के डॉक्टरों की टीम ने इसकी पूरी मेडिकल जांच की है, इसमें यह फिट पाया गया है। जबकि साउथ दिल्ली की महरौली थाना पुलिस रिमांड के दौरान पॉलीग्राफ टेस्ट के वक्त इसे तीन दिन बुखार चढ़ा था। लेकिन शनिवार शाम जब से तिहाड़ जेल लाया गया है, तब से रविवार रात खबर लिखे जाने तक इसे एक बार भी न तो बुखार चढ़ा और ना ही स्वास्थ्य संबंधित कोई और परेशानी हुई। डाक्टरों की टीम इस पर निगरानी रखे हुए है।
जेल में आफताब और अपने परिवार का क्या नाम लिखवाया है:
जेल में इसने अपना नाम 28 साल का आफताब अमीन, अपने पिता का नाम अमीन पूनावाला और मां का नाम पूनावाला लिखवाया है। घर के प्रेजेंट और परमानेंट एड्रेस के रूप में इसने सी-1/301 यूनीक पार्क न्यू दीवान, मेन वसई वेस्ट पालघर, महाराष्ट्र लिखवाया है। जेल में रहते हुए इसने मुलाकात के लिए जेल रजिस्टर में चार नाम लिखवाए हैं, जिनसे इसने मिलने की इच्छा व्यक्त की है। इन चार लोगों में इसके माता-पिता, भाई और एक दोस्त हैं। बाकी किसी से वह नहीं मिलना चाहता। कोई भी कैदी मुलाकात करने वालों में 10 नाम तक लिखवा सकता है।
जेल में कैसी गुजरी थी आफताब की पहली रात:
शनिवार रात को वह अपनी सेल में आराम से सोया और रविवार को दिन में भी उसने एकदम सामान्य जिंदगी जेल में गुजारी। यह देखकर जेल अधिकारियों को लगा ही नहीं कि वह पहली बार जेल आया हो। सूत्रों ने बताया कि जेल स्टाफ से बात करते हुए इसने एक बार भी श्रद्धा की कथित रूप से की गई हत्या के लिए कोई पछतावा जाहिर नहीं किया। इसे जेल के तमाम कायदे-कानून समझा दिए गए हैं। फिलहाल इसे खाना-पीना इसके सेल में ही दिया जा रहा है। इसके सेल और बाहर की ओर इसके मूवमेंट वाले तमाम एरिया में 13 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि इसकी प्रत्येक गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखी जा सके। सुरक्षा की दृष्टि से जेल के एक जवान को इसके वॉर्ड के अंदर लगाया गया है।