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एडीएम पर लगा 14 बीघा सरकारी ज़मीन को बेचने का आरोप, निलंबन की मांग

Admin Delhi 1
16 July 2022 6:02 AM GMT
एडीएम पर लगा 14 बीघा सरकारी ज़मीन को बेचने का आरोप, निलंबन की मांग
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दिल्ली न्यूज़: अब उत्तरी दिल्ली में करोड़ो रूपए की वन विभाग की 14 बीघा से अधिक भूमि को एक महिला को बेचने का मामला सामने आया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में उत्तरी जिला के तत्कालीन एडीएम एवं दानिक्स अधिकारी नितिन जिंदल को निलंबित करने की सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय से की है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एडीएम पर आरोप है कि उन्होंने उत्तरी जिले के जिंदपुर गांव में स्थित वन विभाग की जमीन को मार्च 2021 में एक महिला को अवैध तरीके से स्थानांतरित कर दिया। सूत्रों ने कहा कि सतर्कता निदेशालय ने संबंधित अधिकारी को बड़े स्तर पर कदाचार का दोषी पाया है,जिन्होंने भूमि पर वन विभाग के मालिकाना हक को जानबूझकर नजरअंदाज किया। जानकारों का कहना है कि वन विभाग की जिस जमीन को एक महिला के नाम किया गया है, वह जमीन प्राइम लोकेशन पर है और उस इलाके की सबसे महंगी जमीन है। इसके आसपास में एक लाख रुपए गज जमीन के दाम हैं।

उत्तरी जिला में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रहते हुए दानिक्स अधिकारी नितिन जिंदल ने जिंदपुर में वन विभाग की 14 बीघा 8 बिस्वा जमीन एक महिला के नाम कर दी। अधिकारी इस समय अंडमान निकोबार में तैनात हैं। जब दिल्ली कोरोना से जूझ रही थी तो ये दानिक्स अधिकारी सरकारी जमीन एक महिला के नाम कर रहे थे। उत्तरी दिल्ली में तिवोली गार्डन फॉर्म हाउस के बगल वाली महंगी जमीन पर एक महिला ने अपनी जमीन होने का दावा किया था और एसडीएम के यहां गुहार लगाई थी इन्होंने। मगर एसडीएम ने दावा गलत मानते हुए इसे खारिज कर दिया। जिस पर उस महिला ने उस समय के एडीएम नितिन जिंदल के यहां सुनवाई करने की अपील की। नियम के तहत जिंदल को चाहिए था कि अपील को सुनते और दावा करने वाली महिला की बात सही लगती तो उस पर कार्रवाई के लिए मामले को उसी एसडीएम के पास भेजते, जिसने दावा खारिज किया था। मगर जिंदल ने ऐसा नहीं किया, बल्कि स्वयं ही 17 मार्च 2021 को आदेश जारी कर दिया और इस 14 बीघा 8 बिस्वा भूमि को दावा करने वाली महिला के नाम कर दी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह जो करीब 14 बीघा जमीन एक महिला को दी गई, यह दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम 1954 के तहत नहीं आती है। यह जमीन कभी ग्रामसभा की रही थी, मगर बाद में वन विभाग के पास आ गई थी। जिसे किसी को भूमिदारी के तहत नहीं दिया जा सकता है। मगर इस जमीन को भूमिदारी के तहत एक महिला को दे दिया गया। वन विभाग ने भी उत्तरी जिला प्रशासन द्वारा अपनी करीब 14 बीघा जमीन को एक महिला के नाम कर देने के खिलाफ वित्तीय आयुुक्त के यहां अपील लगाई थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए वित्तीय आयुक्त ने वन विभाग के समर्थन में फैसला देेते हुए जमीन को लेकर यथास्थिति बनाए रखने के लिए आदेश दिया थे। बता दें कि जिंदल 2021 में उत्तरी जिला में एडीएम थे। वह 2011 बैच के दानिक्स अधिकारी हैं। इसके बाद उनका तबादला पूर्वी जिला में एडीएम के पद पर कर दिया गया था। वहां वह कोई 25 दिन इस पद पर रहे थे। इसी दौरान वन विभाग द्वारा उसकी जमीन को एक महिला के नाम कर देने की शिकायत करने पर जिंदल को यहां से हटाकर स्वास्थ्य विभाग में उप सचिव बना दिया गया था। करीब डेढ़ माह पहले इनका तबादला अंडमान निकोबार हो गया है।गौततलब है कि उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में जमीन से संबंधित घोटालों के सिलसिले में पिछले महीने उपराज्यपाल के निर्देश पर दो एसडीएम, एक सब रजिस्ट्रार और दिल्ली सरकार के एक उप सचिव को निलंबित किया गया था।

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