- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दीवार गंदी करने वाले...
दीवार गंदी करने वाले छात्र संगठनों पर होगी कार्रवाई: दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने गुरूवार को दीवार गंदी किए जाने को लेकर आदेश जारी किया है। जिसमें छात्र संगठनों द्वारा परिसर की दीवारों को गंदा किए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। साथ ही प्रशासन ने आदेश में चिंता व्यक्त करते हुए आशंका जताई है कि दूसरों को फंसाने के लिए फर्जी पोस्टर लगाकर इस नियम का दुरूपयोग किया जा सकता है।
लोकतंत्र की दीवारें प्रचार सामग्री चिपकाने के लिए दी गई हैं: बता दें कि डीयू प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने अधिसूचना में चेतावनी दी है कि परिसर में दीवारों पर जिनके पोस्टर और नाम चस्पा किए या फिर पेंट होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व परिसर में दीवारों को विरूपित कर रहे हैं। वहीं छात्र संगठनों ने डीयू प्रशासन के हालिया आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा है क्योंकि इस बात की अधिक संभावना है कि इस आदेश का राजनीतिकरण हो सकता है। इस पर डीयू प्रशासन का कहना है कि मामले में जांच करने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। डीयू प्रशासन का कहना है कि लोकतंत्र की दीवारें प्रशासन द्वारा प्रचार सामग्री चिपकाने के लिए दी गई है बावजूद इसके वोट फॉर वाले पोस्टर पूरे परिसर को खराब कर देते हैं और स्थिति डूसू चुनाव के दौरान और अधिक खराब हो जाती है। हाल यह हो जाता है कि पूरी दीवारें पोस्टरों से ढंक जाती हैं।
छवि खराब करने के लिए हो सकता है आदेश का उपयोग : नितीश गौड़
इस मामले का विरोध करते हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव नितीश गौड़ ने कहा है कि हम पूरी तरह से उनके खिलाफ हैं जो डीयू को गंदा कर रहे हैं लेकिन जारी किया गया आदेश सही नहीं है। इसका उपयोग कोई भी छवि को खराब करने के लिए कर सकता है और नकली पोस्टर चस्पा कर सकता है। डीयू को सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए। वे सुरक्षा एजेंसियों पर बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं। सुरक्षा में लगे कर्मियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी दीवारों को खराब नहीं करे।
सार्वजनिक जिम्मेदारी है कि डीयू को विकृत ना होने दें : सिद्धार्थ यादव
वहीं एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने कहा कि डीयू को सतर्क रहने और आदेश का दुरूपयोग नहीं हो यह सुनिश्चित करने की जरूरत है। यह सभी की सार्वजनिक जिम्मेदारी है कि डीयू को विकृत ना होने दें और उसे साफ रखा जाए। ये डीयू है और डीयू के अंदर की दीवारें हैं और कई कर्मचारी वहां 24 घंटे मौजूद रहते हैं। जो बदमाश पोस्टर चिपकाते हैं अगर उन्हें पकड़ लिया जाता है तो ये वास्तविक न्याय होगा अन्यथा इसका दुरूपोग होने की अधिक संभावना है।
दीवारों पर पोस्टर चिपकाना संस्कृति रही है : अभिज्ञान
आइसा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अभिज्ञान ने इस मामले पर कहा कि यह विश्वविद्यालय की संस्कृति रही है कि दीवारों पर पोस्टर चिपकाए जाते हैं। अब इस संस्कृति को रोका जा रहा है। मेरा मानना है कि परिसर के अंदर हर जगह पोस्टर चिपकाने की अनुमति दी जानी चाहिए।