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फर्जी आदेश से IAS अवार्ड लेने वाले आरोपी को मिली जमानत
Deepa Sahu
25 Jan 2022 11:42 AM GMT
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फर्जी दस्तावेज तैयार कर आईएएस अवार्ड लेने के आरोप में जेल में बंद आरोपी संतोष वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर आईएएस अवार्ड लेने के आरोप में जेल में बंद आरोपी संतोष वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। आरोपी छह माह से जेल में बंद है। जिला कोर्ट और हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
दरअसल आरोपी संतोष वर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी है। आरोप है कि वर्मा ने अपने खिलाफ जिला न्यायालय में चल रहे मामले में फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर फैसला करवाया था। इसे सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत किया ताकि आईएएस अवार्ड मिल सके। इसी फैसले के आधार पर आईएएस अवार्ड मिला था। फर्जी आदेश के के मामले में न्यायाधीश ने वर्मा के खिलाफ पुलिस से शिकायत की थी। जून 2012 में एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। जुलाई में संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। जिला कोर्ट और हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। मामले में गठित एसआइटी छह महीने बाद भी आरोपित के खिलाफ अंतिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर सकी। वर्मा ने इसी बात को आधार बनाकर जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
महिला भी कर चुकी है शिकायत
आरोपी वर्मा के खिलाफ एक महिला ने भी शिकायत कर शादी के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया था। बताया था संतोष वर्मा ने शादी का झांसा देकर उसे साथ रखा और लिव इन में रहे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान संतोष वर्मा से मुलाकात हुई थी जो दोस्ती के बाद प्यार में बदल गई। हरदा में पोस्टिंग के दौरान वह पत्नी की तरह उनके साथ सरकारी क्वार्टर में रही थी। इस मामले में वर्मा ने भी महिला के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। शिकायत में बताया था कि महिला ब्लैकमेल कर रही है। उसने दस्तावेज में पति के रूप में मेरा नाम दर्ज कराया था। पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र भी मेरा नाम लिखवा लिया है।
Deepa Sahu
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