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नई दिल्ली। बीटेक कश्मीर यूनिवर्सिटी से जबकि एमबीए पंजाब यूनिवर्सिटी से। ऐसे पढ़े लिखे युवक को उत्तर पश्चिमी जिला की साइबर थाना पुलिस ने नौ लाख 47 हजार रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान असलम भट्ट के रूप में हुई है। वह बारामूला, जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। उसने अभी तक इस तरह से ओर कितनी ठगी की वारदातों अंजाम दिया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता अशोक विहार निवासी से साइबर थाना पुलिस को नौ लाख 47 हजार रुपये की ठगी होने की शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका निजी बैंक में अपना खाता है। जो मोबाइल फोन से लिंक है। वह पिछले कुछ महीनों से अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, इसलिए उसका मोबाइल नंबर कंपनी ने बंद कर दिया था। उसने कभी भी ऑनलाइन लेन-देन या डेबिट व क्रेडिट कार्ड से लेन-देन नहीं किया। वह केवल चेक या आरटीजीएस के माध्यम से अपने बैंक खाते चला रहा था। पिछले साल 14 दिसंबर को जब वह अपने खाते से पैसे निकालने ब्रांच में गया। पता चला कि खाते में एक रूपया ही है। नौ लाख 47 हजार रूपये कई आईएमपीएस लेनदेन के जरिये से उसके खाते से 9.47 लाख रुपये निकाल लिये। रुपये निकालने का मैसेज खाते से लिंक फोन नंबर पर आए थे। तब शिकायतकर्ता को पता चला कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उसका मोबाइल नंबर उसके नाम पर पंजीकृत कर लिया है और बैंक मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके धोखाधड़ी से पूरी राशि आईएमपीएस के माध्यम से स्थानांतरित कर दी है।
पुलिस ने मामला दर्ज किया। इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई साहिर, एएसआई, हेड कांस्टेबल को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। शिकायतकर्ता से बैंक से लिंक मोबाइल फोन नंबर और बैंक खातों की डिटेल ली। शुरूआती जांच में एक फोन नंबर जम्मू-कश्मीर के बारामुला निवासी जुनैद भट्ट को फिर से जारी किया गया था। कथित लेन-देन के बाद कथित फोन नंबर बंद पाया गया। मनी ट्रेल से पता चला कि पैसों का लेनदेन असलम भट्ट के एक जम्मू-कश्मीर बैंक खाते में किए गए थे। यह भी पाया गया कि कथित राशि का कुछ हिस्सा संदिग्ध द्वारा शेयर बाजार में और निवेश किया गया था। पुलिस टीम ने हयूमैन सॉर्से की सहायता से असलम भट्ट को नेताजी सुभाष पैलेस ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित असलम भट्ट पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। उसने बीटेक किया है। कश्मीर विश्वविद्यालय से और पंजाब विश्वविद्यालय से एमबीए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एनएसपी में एक निजी फर्म में काम करना शुरू किया। उसने खुलासा किया है कि कथित मोबाइल नंबर उसके भाई जुनैद ने उसके नाम से जारी कराया था। कुछ महीनों के बाद, उनके भाई को बैंक लेनदेन के बारे में संदेश आने लगे। इन संदेशों को देखने के बाद, आरोपित ने कथित फोन नंबर का उपयोग करके निजी बैंक के मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने के बारे में सोचा और शिकायतकर्ता के बैंक खाते में अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर ली। इसके अलावा आरोपित असलम भट्ट ने कई आईएमपीएस लेनदेन के माध्यम से कथित राशि को इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से जम्मू-कश्मीर बैंक के अपने बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया।
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Shantanu Roy
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