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अकादमिक परिषद ने अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में कोर्स करने की अनुमति दी
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने बुधवार को उस योजना को मंजूरी प्रदान की, जिसमें अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों के छात्रों को अगले साल से दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन की अनुमति प्रदान की गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। क्षमता वृद्धि योजना (सीईएस) के तहत अगले साल से विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर भी डीयू के पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि डीयू की अकादमिक परिषद की बुधवार को हुई बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई।
यह योजना विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध रहेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य व्यक्तियों को नई जानकारी प्रदान कर उनकी दक्षता में इजाफा करना है। यह योजना अगले साल की शुरुआत में विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के दौरान शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ''शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) को लागू करने के साथ ही विश्वविद्यालय एनईपी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए क्षमता वृद्धि योजना की भी शुरुआत करेगा।
'' बयान में कहा गया, ''यह योजना विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों को दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे किसी भी विषय में अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने के लिए अध्ययन करने का अवसर देती है।'' बयान के मुताबिक, योजना के तहत प्रवेश योग्यता पर आधारित होगा और उम्मीदवारों को एक सेमेस्टर में अधिकतम दो पाठ्यक्रमों और आठ 'क्रेडिट' विषयों के लिए पंजीकरण करने की अनुमति होगी। इसके मुताबिक, पात्रता मानदंड और आवश्यक योग्यताओं को पूरा करने वाला उम्मीदवार पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकता है।
सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत उद्यमी नए कौशल हासिल कर अपने कारोबार को बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा, ''इसी तरह, प्रबंधन पाठ्यक्रमों के अध्ययन से निचले/मध्यम स्तर के कर्मियों के प्रबंधन कौशल में सुधार होगा। जो लोग सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों या किसी भी कमी के कारण आवश्यक योग्यता प्राप्त नहीं कर सके, वे इस योजना से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम होंगे।'' बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत उपलब्ध पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या उस पाठ्यक्रम में कक्षा की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत होगी। वहीं, एक विशिष्ट पाठ्यक्रम के लिए उम्मीदवारों का पंजीकरण केवल एक सेमेस्टर के लिए मान्य होगा।