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एबीवीपी जेएनयू का प्रतिनिधि मंडल यूजीसी चेयरमैन से मिला, जेएनयू नॉननेट फेलोशिप के संबंध में जानकारी मांगी
दिल्ली न्यूज़: आज एबीवीपी जेएनयू का प्रतिनिधि मंडल यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार से मिला और जेएनयू में प्रशासन द्वारा छात्रों को नॉन नेट फेलोशिप न दिए जाने के संबंध में यूजीसी से जारी किए फंड के विषय में जानकारी मांगी। जवाब में यूजीसी ने लिखित में जानकारी उपलब्ध कराई की इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून, 2022 तक, कुल 5 महीनों में ही अबतक 538.36 लाख रुपए नॉन नेट शोधवृत्ति हेतु जेएनयू को दिए जा चुके हैं. जब की सालों से छात्रों को सालों से नॉन नेट फेलोशिप नही मिली है। जबकि जेएनयू में एबीवीपी के प्रश्नों पर जेएनयू ने फ्लोशिप के विषय में कई बार फंड न होने की झूठी बात कही थी।
आपको बताते चले कि पिछले 15 दिनों से अधिक समय से एबीवीपी जेएनयू फेलोशिप हॉस्टल रेनोवेशन आदि में अनियमितताओं के चलते जेएनयू प्रशासन के विरुद्ध सत्याग्रह पर बैठा है। बीते सोमवार को इसी संबंध में जब एबीवीपी के कार्यकर्ता और आम छात्र जेएनयू के फेलोशिप विभाग में अपनी शोधवृत्ति और छात्रावृत्ति के विषय में पूछने गए थे तब वहां स्टाफ ने छात्रों से अभद्रता की और विरोध करने पर प्रशासन के आदेश पर 50 से अधिक सिक्योरिटी गार्ड्स ने छात्रों पर हमला कर दिया था। जिसमे 15 से अधिक छात्रों को गंभीर चोटें आईं थी। इस संबंध में दोनो पक्षों से एफआईआर दर्ज कराई गई हैं जिनकी ज्यांच अभी होनी बाकी है। इस बर्बरता के विरोध में और छात्र हितों से संबंधित अपनी मांगों को लेकर कल शाम एबीवीपी ने जेएनयू में शांति पूर्ण न्याय मार्च भी रक्खा था एवं जेएनयू गेट पर प्रशासन का पुतला दहन किया था। इसके उपरांत कल शाम से ही एबीवीपी ने अपना सत्याग्रह का स्थान बदल कर जेएनयू मुख्य गेट पर सत्याग्रह के लिए बैठ गई थी। अभी भी एबीवीपी का सत्याग्रह जारी है और उनकी मांगे पूरी होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा ऐसा परिषद का कहना है। कल देर रात प्रशासन के प्रतिनिधि सत्यग्रह पर बैठे हुए छात्रों से मिला और बात की, जब जेएनयू वीसी, उसी समय जेएनयू सभागार में मालिनी अवस्थी जी के सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने में व्यस्त थीं। प्रशासन के प्रतिनिधियों ने कुछ भी लिखित में नही दिया था एबीवीपी के छात्र हितों से संबंधित किन्हीं प्रश्नों का संतुष्टिपूर्ण जवाब नही दे पाई। प्रशासन के प्रतिनिधि ने वहां फेलोशिप हेतु फंड की समस्या होने की बात कही जो की आज के यूजीसी के बयान से झूठी सभी हो गई। आपको यह भी बताते चलें के जेएनयू में हॉस्टलों की भी खस्ता हालत है, जबकि यूजीसी से 56 करोड़ का आवंटन पहले ही किया जा चुका है जिसमे से 18 करोड़ पहले ही जेएनयू के खाते में आ चुके हैं। फिर भी जेएनयू हॉस्टलों का रेनोवेशन नही करा रहा। प्रशासन के असंतुष्टि पूर्ण जवाबों से असंतुष्ट होकर एबीवीपी ने अपना सत्याग्रह वापस लेने से मना कर दिया और अभी भी लगततार मुख्य गेट पर सत्याग्रह पर बैठी है। परिषद का कहना है की जब तक वीसी खुद आकर छात्रों से नही मिलती और छात्र हितों से संबंधित उनकी मांगे नहीं मानती तब तक हम ऐसे ही सत्याग्रह करते रहेंगे।
जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित का कहना है की यह बहुत ही आश्चर्य और दुर्भाग्य की बात है की यूजीसी से लगातार जेएनयू को फंड दिया जा रहा है लेकिन लगातार झूठ बोल रहा है और छात्रों सालों से फेलोशिप नही दे रहा है। इसके पीछे जेएनयू वीसी और रेक्टर की भ्रष्टाचार करने वाली सोच है। जब जेएनयू में आम छात्र त्रस्त होकर अपने फेलोशिप की मांग कर रहा है और सत्याग्रह पर बैठा है तब रेक्टर सिक्योरिटी को आदेश देकर छात्रों बेरहमी से पिटवाते हैं और जेएनयू वीसी आनंद से संसाकृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करती रहती हैं। इकाई मंत्री उमेश ने बताया कि, कल वीसी ने हमसे आकार छात्र हितों की बातों पर हमसे मिलकर बात करने के बजाए अपने प्रतिनिधि मंडल को भेजा, जिनका जवाब भी बहुत की दुर्भाग्यपूर्ण और असंतोष जनक रहा। वह छात्र हितों के विषय में कुछ भी लिखित में देने में असफल रहे। अतः एबीवीपी ने अभी भी अपना सत्याग्रह जारी रक्खा है। और हम तब तक छात्र हितों के लिए सत्याग्रह करते और लड़ते रहेंगे जब तक छात्रों को उनके सवालों का सही जवाब और न्याय नही मिल जाता।