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कांवड़ियों की सुविधा के लिए दिल्ली सरकार ने करीब 200 कांवड़ शिविर लगाए
दिल्ली न्यूज: सावन के महीने शिवभक्त कांवड़ियों यात्रा के मद्देनजर दिल्ली व आसपास के इलाकों में कांवड़ियों की सुविधाओं के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है। इस दिशा में दिल्ली भर में लगभग 200 कांवड़ शिविर लगाए जा रहे है। दिल्ली सरकार के मुताबिक पूर्वी दिल्ली, उत्तरी पूर्वी दिल्ली व शाहदरा जिले, दिल्ली में कांवड़ियों के एंट्री पॉइंट है। ऐसे में इन तीनों जिलों में 85 शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि कांवड़ियों को कोई परेशानी का सामना करना पड़े।
दिल्ली में कांवड़ियों की सुविधाओं के लिए स्थानीय डिस्पेंसरियों को शिविरों से जोड़ा गया है। किसी भी आपात स्थिति के लिए कैट्स एंबुलेंस को जोड़ा गया है। अस्पतालों को कांवड़िये के इलाज के लिए विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली भर में कांवड़ियों की सुविधाओं के लिए कांवड़ कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां उनके लिए हर जरुरी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएगी। कांवड़ियों के लिए शिविर में वाटर प्रूफ टेंट, फर्नीचर, शौचालय, पानी, मेडिकल सहित अन्य जरुरी सुविधाएं मौजूद होंगी।
उन्होंने साझा किया कि इस बाबत सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए है कि कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए हर जरुरी कदम सुनिश्चित किए जाए। बता दे कि सावन महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से जल लेने जाते है। ऐसे में दिल्ली सरकार राजधानी में जगह-जगह कांवड़ शिविर लगाती है। जहां कांवड़ियों के रुकने और आराम करने के लिए हर जरुरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है। इस साल भी केजरीवाल सरकार, दिल्ली में कांवड़ियों की सुविधा के लिए लगभग 200 कांवड़ शिविर लगवा रही है, जो पिछले साल की तुलना में 2 दर्जन अधिक है।
इस बाबत साझा करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि सावन के इस पवित्र महीने में सरकार शिवभक्त कांवड़ियों की सेवा,सुविधा और सुरक्षा के लिए सरकार हर जरुरी इंतजाम कर रही है और सभी जिला प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने साझा करते हुए कहा कि पूर्वी दिल्ली, उत्तरी पूर्वी दिल्ली व शहादरा जिलें दिल्ली में कांवड़ियों के एंट्री-एग्जिट पॉइंट हैं। ऐसे में यहां सबसे ज्यादा 85 शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि बड़ी संख्या में कांवड़ियों के आने बाद भी भीड़ का आसानी से प्रबंधन हो सकें।