दिल्ली-एनसीआर

ईडी दफ्तर से निकले अभिषेक बनर्जी ने कहा- 'सत्ता में बैठे लोगों के आगे नहीं झुकेंगे'

Deepa Sahu
21 March 2022 6:29 PM GMT
ईडी दफ्तर से निकले अभिषेक बनर्जी ने कहा- सत्ता में बैठे लोगों के आगे नहीं झुकेंगे
x
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आठ घंटे तक पूछताछ की।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आठ घंटे तक पूछताछ की। शाम करीब साढ़े सात बजे यहां ईडी कार्यालय से निकलते समय उन्होंने मीडिया से कहा कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन वह उनसे डरते नहीं हैं।

उन्होंने कहा, मैंने एजेंसी से कहा है कि मैं सहयोग करने को तैयार हूं, लेकिन यहां दिल्ली में क्यों। बंगाल में चुनाव हैं। भाजपा हमसे लोकतांत्रिक तरीके से नहीं लड़ सकती, इसलिए प्रतिशोध की राजनीति का सहारा ले रही है। लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। भाजपा 2021 में बंगाल में हार गई और 2024 में फिर हार जाएगी। वॉशिंग मशीन की यह चाल ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। लड़ना है तो लोकतांत्रिक तरीके से लड़ो। वे (भाजपा) मुझे इतने किलोमीटर दूर बुलाकर बेवजह परेशान कर रहे हैं।
बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि इन एजेंसियों का कामकाज भाजपा की तानाशाही को उजागर करता है। उन्होंने कहा, मैं लोगों की ताकत के सामने झुकूंगा, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के सामने नहीं। वे मुझे डरा नहीं सकते। वे मूर्खो के स्वर्ग में रह रहे हैं। इससे पहले बनर्जी सुबह 11.10 बजे दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी, जिन्हें मंगलवार को जांच में शामिल होना था, दिल्ली नहीं आएंगी, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की देखभाल करनी है। वह ई-मेल के जरिए ईडी को जवाब देंगी।
इससे पहले, पिछले साल 6 सितंबर को बनर्जी ने ईडी अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। करीब छह घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। लेकिन जांच एजेंसी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए उसने उन्हें पत्नी के साथ फिर से तलब किया।
पिछले साल सितंबर में बनर्जी और उनकी पत्नी ने ईडी के सम्मन के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी, लेकिन उन्हें अदालत से कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।


Next Story