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नई दिल्लीः भारी मशक्कत के बाद आखिरकार दिल्ली को अपना मेयर मिल गया. दिल्ली नगर निगम के चुनाव के रिजल्ट के ढाई महीने बाद बुधवार को AAP की प्रत्याशी शैली ओबरॉय ने BJP की उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 34 वोटों से पराजित कर दिया. ओबरॉय को 150 और रेखा को 116 वोट मिले. इसके साथ ही शैली AAP की तरफ से दिल्ली की पहली मेयर भी बन गईं.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मेयर बनने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुंडे हार गए, जनता जीत गई. दिल्ली नगर निगम में आज दिल्ली की जनता की जीत हुई और गुंडागर्दी की हार. उन्होंने शैली ओबेरॉय के मेयर चुने जाने पर दिल्ली की जनता को बधाई दी.
सुबह 11.26 बजे शुरू हुई वोटिंग प्रक्रियाःसुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद आखिरकार दिल्ली नगर निगम (MCD) सदन की बैठक में मेयर चुनाव की प्रक्रिया शांतिपूर्ण माहौल में शुरू हुई. बुधवार को सुबह 11 बजे से चुनाव में हिस्सा लेने के लिए पार्षदों के आने का सिलसिला शुरू हुआ. ठीक 11 बजकर 26 मिनट पर चुनाव कराने के लिए उप राज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा सदन पहुंचीं और उसके बाद तमाम पार्षद, सांसद और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत विधायकों की उपस्थिति में मेयर चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई, जो दोपहर एक बजकर 42 मिनट पर पूरी हो गई. पीठासीन अधिकारी ने निगम सचिव भगवान सिंह और निगम के अधिकारियों को काउंटिंग के लिए बुलाया और उनकी उपस्थिति में मतपेटी खोलकर वोटों की गिनती शुरू हुई.
सांसदों से वोटिंग की शुरुआतः पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन सांसद संजय सिंह, एनडी गुप्ता व सुशील गुप्ता ने वोट डाला. निगम सदन की बैठक में वोट डालने आए बीजेपी के पांच सांसद हंसराज हंस, मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, हर्षवर्धन और प्रवेश वर्मा ने वोट डाले. करीब घंटे भर के बाद बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और मनोज तिवारी पहुंचे और उन्होंने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वोट डालने के बाद सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आज बीजेपी का ही मेयर बनेगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव में बीजेपी को भले ही कम नम्बर आए हैं, लेकिन बीजेपी की जीत होगी. कई बार अंतर्मन से भी मतदान होता है.
मनोज तिवारी ने कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी का चाल-चरित्र है, उससे साफ है कि बीजेपी जीतेगी. वोटिंग के लिए जब बीजेपी के नेता आ रहे थे, तब सदन में मौजूद पार्षद जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे. गांधीनगर से बीजेपी विधायक अनिल बाजपेयी व्हीलचेयर से पहुंचे और मतदान के तुरंत बाद वहां से चले गए.
मनोनीत विधायक के बाद पार्षदों ने डाला वोटः मेयर चुनाव के लिए विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल द्वारा मनोनीत आम आदमी पार्टी के 13 विधायक और बीजेपी के एक विधायक ने भी वोट डाला. उसके बाद निगम पार्षदों के वोट डालने का सिलसिला शुरू हुआ. शुरुआत में वार्ड संख्या 1 से 10 के बीच के पार्षदों को वोट डालने को कहा गया. उसके बाद निगम का मेयर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा. आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल ने वोटिंग प्रक्रिया सुस्त होने पर सुझाव दिया कि एक की बजाय दो पार्षदों को वोट के लिए बुलाया जाए और इसकी व्यवस्था की जाए, जिसके बाद यह व्यवस्था तुरंत कर दी गई और उसके बाद वोटिंग प्रक्रिया में तेजी आई.
पीठासीन अधिकारी ने मतदान शुरू होने से पहले चुनाव की प्रक्रिया के बारे में सदस्यों को अवगत कराया और बताया कि शैली ओबरॉय आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी हैं और रेखा गुप्ता बीजेपी की. वोटिंग के दौरान किसी भी सदस्य को मोबाइल, फोन आदि लेकर जाने की अनुमति नहीं होने की भी उन्होंने जानकारी दी.
कांग्रेस के पार्षदों ने वोट का किया बहिष्कारः कांग्रेस ने मेयर चुनाव का बहिष्कार किया. शुरुआत से ही कांग्रेस ने बहिष्कार करने का फैसला लिया था और इसी कड़ी में चौथी बार जब सदन की बैठक बुलाई गई और चुनाव शुरू हुआ तो कांग्रेस के पार्षद नजर नहीं आए. वोट का समीकरणः
मेयर चुनाव के लिए कुल 274 वोट थे. इनमें 250 निर्वाचित पार्षद, दिल्ली के सात लोकसभा सदस्य, तीन राज्य सभा सदस्य और 14 विधायक के वोट भी शामिल थे. निगम सदन में वोटिंग के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी के 13 और बीजेपी के एक विधायक को मनोनीत किया था. आम आदमी पार्टी के पास 150 वोट थे, जबकि बीजेपी के पास 113 वोट.
तीन बार टल चुका था मेयर का चुनावः मेयर चुनाव के लिए अब तक तीन बार सदन की बैठक बुलाई जा चुकी थी, लेकिन हर बार हंगामे की वजह से चुनाव टल गया था. सबसे पहले 6 जनवरी फिर 24 जनवरी और फिर 6 फरवरी को सदन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन तीनों बार सदन में हंगामे के कारण चुनाव नहीं हो चुका हो पाया. हंगामे की शुरुआत पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत विधायकों को पहले वोटिंग का अधिकार देने की बात से हुई थी.
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