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आप के पास ब्लूप्रिंट है तैयार, दिल्ली-पंजाब के बाद केजरीवाल के टारगेट पर राजस्थान, MP समेत 9 राज्य

Renuka Sahu
10 Aug 2022 5:23 AM GMT
AAP has blueprint ready, after Delhi-Punjab, 9 states including Rajasthan, MP on Kejriwals target
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फाइल फोटो 

दिल्ली और पंजाब में सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में मजबूती से दावेदारी पेश कर रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली और पंजाब में सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में मजबूती से दावेदारी पेश कर रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश के स्थानीय चुनाव में भी अच्छे प्रदर्शन से पार्टी का हौसला बढ़ा है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी अब देश के बड़े हिस्से में विस्तार की योजना बना रही है। पार्टी अगले 24 महीने में 9 राज्यों तक विस्तार की योजना बना रही है, जिसमें हिमाचल से लेकर केरल तक शामिल है।

ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को संगठन की एक बैठक में इस बात को लेकर फैसला किया गया है। पार्टी ने हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जोरशोर से चुनाव लड़ेगी, जहां अगले दो साल के भीतर विधानसभा चुनाव होना है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पार्टी ग्रामीण स्तर पर विस्तार के लिए ग्राम संपर्क अभियान शुरू करेगी। अगले छह महीने में गांव-गांव में संगठन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठन मजबूत किया जाएगा। पार्टी, महिला, छात्र, युवा, दलित और आदिवासियों के लिए अलग मोर्चे बनाकर वोटर्स को साधने का प्रयास करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी संगठन में युवाओं को तरजीह दी जाएगी। नंबवर-दिसंबर में होने जा रहे गुजरात, हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी अलग रणनीति बनाएगी। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अखबार से कहा, ''इन दो राज्यों में में कुछ ऐसे सीटों की पहचान की है, जहां हमारा संगठन अच्छा है और कैंडिडेट मजबूत। हम यहां अपने संगठन को मजबूती देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।'' राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में चुनाव अगले साल होगा।
'रेवड़ी' का लिया जाएगा सहारा
'आप' ने बताया कि विचारधारा और राजनीति से जुड़े सवालों को अड्रेस करने के लिए नई चीजें जोड़ी जा रही हैं। उन्होंने कहा, ''पार्टी अपनी विचारधारा को आकार दे रही है और विकास की विचारधार प्रमुख है। अभी तक हमारे वॉलेंटियर लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए दिल्ली मॉडल का बखान करते हैं। लेकिन अब यह बदलेगा। हम लोगों से विकास की बात करेंगे और बताएंगे कि कैसे मूलभूत सुविधाएं मुफ्त में दी जाएंगी।''
बाहरी नेताओं को तरजीह नहीं
पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती यह भी है कि दूसरे दलों से आने की चाह रखने वाले नेताओं को किस तरह समायोजित किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को पार्टी में बड़े पद और चुनाव में टिकट का वादा ना करें। पार्टी ने दूसरे दलों से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के स्क्रीनिंग का भी फैसला किया है।
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