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AAP बोली- ऑर्डिनेंस पास हुआ तो लोकतंत्र बाबूशाही में बदल जाएगा

SANTOSI TANDI
1 Aug 2023 6:52 AM GMT
AAP बोली- ऑर्डिनेंस पास हुआ तो लोकतंत्र बाबूशाही में बदल जाएगा
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बाबूशाही में बदल जाएगा
दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर नियंत्रण से जुड़ा विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। 25 जुलाई को इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। विधेयक पेश हो सके, इसके पहले ही सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
इसे लेकर AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने कहा कि इससे दिल्ली में लोकतंत्र 'बाबूशाही' में तब्दील हो जाएगा। चुनी हुई सरकार की सारी शक्तियां छीनकर भाजपा के नियुक्त किए गए LG को दे दी जाएंगीं।
केंद्र ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था।
अध्यादेश से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में है
केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए थे। दिल्ली सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। इस पर CJI चंद्रचूड़ ने 17 जुलाई को कहा कि हम यह मामला पांच जजों की संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह के संशोधन कर सकता है या नहीं?
केंद्र ने हलफनामे में क्या कहा था
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि संविधान का आर्टिकल 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए और किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है, जो किसी राज्य में शामिल नहीं है।
केंद्र के अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।
केजरीवाल सरकार ने 30 जून को कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती दी थी। मामले में पहली सुनवाई 4 जुलाई को हुई थी, तब कोर्ट ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था।
केंद्र की ओर से अध्यादेश जारी करने के बाद आप नेताओं ने LG ऑफिस जाकर उनसे मिलने के लिए हंगामा किया था।
केंद्र की ओर से अध्यादेश जारी करने के बाद आप नेताओं ने LG ऑफिस जाकर उनसे मिलने के लिए हंगामा किया था।
यह पूरा विवाद क्या था...
AAP सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की लड़ाई 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची थी। हाईकोर्ट ने अगस्त 2016 में उपराज्यपाल के पक्ष में फैसला सुनाया था।
AAP सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। 5 मेंबर वाली संविधान बेंच आप सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि CM ही दिल्ली के एग्जीक्यूटिव हेड हैं। उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता के बिना स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते हैं।
इसके बाद सर्विसेज यानी अधिकारियों पर नियंत्रण जैसे कुछ मामलों को सुनवाई के लिए दो सदस्यीय रेगुलर बेंच के सामने भेजा गया। फैसले में दोनों जजों की राय अलग थी।
जजों की राय में मतभेद के बाद यह मामला 3 मेंबर वाली बेंच के पास गया। उसने केंद्र की मांग पर पिछले साल जुलाई में इसे संविधान पीठ के पास भेज दिया।
संविधान बेंच ने जनवरी में 5 दिन इस मामले पर सुनवाई की और 18 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया। साथ ही कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे।
दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये दो बड़ी बातें कहीं।
दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये दो बड़ी बातें कहीं।
अध्यादेश क्या होता है?
जब संसद या विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा हो तो केंद्र और राज्य सरकार तात्कालिक जरूरतों के आधार पर राष्ट्रपति या राज्यपाल की अनुमति से अध्यादेश जारी करती हैं। इसमें संसद/विधानसभा द्वारा पारित कानून जैसी शक्तियां होती हैं।
अध्यादेश को छह महीने के अंदर संसद या राज्य विधानसभा के अगले सत्र में पेश करना अनिवार्य होता है। अगर सदन उस विधेयक को पारित कर दे तो यह कानून बन जाता है। जबकि तय समय में सदन से पारित नहीं होने पर यह समाप्त हो जाता है। हालांकि सरकार एक ही अध्यादेश को बार-बार भी जारी कर सकती है।
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दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करेंगे LG, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अफसरों पर सरकार का कंट्रोल ना हो तो वो जिम्मेदार नहीं रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट ने कहा- दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। पढ़ें पूरी खबर...
दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केंद्र का अध्यादेश जारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल के पास ही रहेंगे
केंद्र सरकार ने 19 जून को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे। ये अथॉरिटी ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस जैसे मैटर्स में फैसले लेगी और LG को सिफारिशें भेजेंगी। पढ़ें पूरी खबर...
CM केजरीवाल को एमके स्टालिन का भी समर्थन मिला, तमिलनाडु CM बोले- हम अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के साथ
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की थी। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद स्टालिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमने आज दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा की। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
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