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इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी के लिए एक साल 13 महीने का होता है, जानिए अदालत ने ऐसा क्यों कहा

Renuka Sahu
5 Jan 2022 3:31 AM GMT
इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी के लिए एक साल 13 महीने का होता है, जानिए अदालत ने ऐसा क्यों कहा
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 फाइल फोटो 

देशभर में कांस्टेबल से इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी के लिए साल 13 महीने का होता है, क्योंकि 12 महीनों में एक महीने की तनख्वाह अतिरिक्त दी जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में कांस्टेबल से इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी के लिए साल 13 महीने का होता है, क्योंकि 12 महीनों में एक महीने की तनख्वाह अतिरिक्त दी जाती है। ऐसे में मुआवजा रकम भी 13 महीने की आमदनी के हिसाब से ही तय की जानी चाहिए। अदालत ने सड़क दुर्घटना में एक पुलिसकर्मी की मौत के मामले में मुआवजा तय करते हुए यह टिप्पणी की।

रोहिणी स्थित एमएसीटी जज एकता गाबा मनन की अदालत ने केंद्र सरकार के 13 महीने की तनख्वाह दिए जाने के नियम को ध्यान में रखते हुए हरियाणा पुलिस में कार्यरत सब इंस्पेक्टर की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में मुआवजा तय किया है। अदालत ने मृतक की पत्नी को मय ब्याज 76 लाख 25 हजार रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जिस समय सब इंस्पेक्टर की सड़क दुर्घटना में मौत हुई उसकी आयु 57 साल थी। ऐसे में वह आगे के तीन साल की नौकरी में 66 वर्ष तक की पूरी तनख्वाह प्राप्त करता। इसलिए अदालत मानती है कि आगामी 9 साल तक पुलिसकर्मी की आमदनी वही रहती, जोकि उसकी मृत्यु के समय थी। ऐसे में मृतक पर निर्भर परिवार के सदस्यों को आर्थिक क्षति तीन नहीं बल्कि 9 साल की हुई है।
ड्यूटी पर जाते समय हुए सड़क दुर्घटना का शिकार
हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अजीत सिंह चार दिसंबर 2017 की सुबह ड्यूटी पर जाने के लिए कार से निकले। बल्लभगढ़ के नजदीक पहुंचने पर उनकी कार को तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी। पुलिसकर्मी गंभीर रुप से जख्मी हुए और 7 दिसंबर 2017 को उनकी मृत्यु हो गई।
हरियाणा सरकार मृत्यु के बाद भी देती है तनख्वाह
मामले की सुनवाई के दौरान एक महत्वपूर्ण जानकारी भी सामने आई। जिसके तहत हरियाणा सरकार में कार्यरत व्यक्ति की किसी भी उम्र में मृत्यु हो जाने पर उसकी सेवानिवृति तक की आयु तक हर महीने उसके परिवार को पूरी तनख्वाह दी जाती है। इस मामले में भी यह मुद्दा उठा।
केंद्र ने वर्ष 1979 में बनाया था नियम
पीड़ित परिवार की तरफ से दस्तावेज पेश किया। जिसके मुताबिक पुलिसकर्मियों की नौकरी व समय को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 1979 में एक सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर के मुताबिक देशभर में कार्यरत कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के पुलिस अधिकारियों को 12 नहीं बल्कि 13 महीने की तनख्वाह देने का नियम बनाया गया।
सुर्कलर में कहा गया कि प्रत्येक साल की जनवरी महीने में इन पुलिसकर्मियों को दो महीने की तनख्वाह दी जाएगी। इसका कारण भी इस सर्कुलर में बताया गया। दरअसल सरकार का मानना था कि कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के पुलिस अधिकारी जमीनी स्तर पर काम करते हैं। इन्हें 24 घंटे व सात दिन की ड्यूटी देनी होती है। ऐसे इसके लिए एक महीने की अतिरिक्त तनख्वाह दिया जाना उचित है।
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