- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली में फरवरी तक...
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली में फरवरी तक कुल 31462.62 करोड़ रुपए का टैक्स एकत्र किया गया
Rani Sahu
10 March 2023 3:07 PM GMT

x
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली में करों से राजस्व बढ़ाने के लिए, दिल्ली सरकार कर बकाएदारों की पहचान कर उनके खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रही है। फरवरी 2023 तक दिल्ली में कुल 31462.62 करोड़ रुपए करों में एकत्र किया गया, जिसमें जीएसटी का योगदान 26096.79 रुपए और वैट का योगदान 5365.83 रुपए था। 2022-2023 में पेट्रोलियम उत्पादों से एकत्र किया गया कुल कर 4169.18 करोड़ रुपए था, जबकि 2021-2022 में यह 3739.41 करोड़ रुपए था।
दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को व्यापार और कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर बजट तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने दिल्ली में व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की और दिल्ली में कर संग्रह से राजस्व बढ़ाने के प्रयासों का भी विश्लेषण किया।
वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, व्यापार और कर विभाग सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2021-22 में जीएसटी और वैट का संयुक्त राजस्व संग्रह 27,000 करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि इस वर्ष इसमें उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। किसी भी राज्य में टैक्स डिफॉल्टर्स के अलावा टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है। सरकार एक पारदर्शी व्यवस्था चाहती है और डिफॉल्टरों की पहचान करने के लिए लगातार काम कर रही है। ऐसी समस्याओं को कम करने के लिए आउटरीच कैंपों के माध्यम से बाजार और व्यापार संघ के साथ नियमित बैठकें की जा रही हैं।
गहलोत के मुताबिक दिल्ली में करों से राजस्व बढ़ाने के लिए, दिल्ली सरकार कर बकाएदारों की पहचान कर उनके खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रही है। साथ ही समय-समय पर सरकार द्वारा संदिग्ध करदाताओं का अनिवार्य फील्ड सत्यापन भी किया जाता है और डीजीएसटी अधिनियम, 2017 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा आउटरीच कैंप के माध्यम से बाजार और व्यापार संघों के साथ नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जाती हैं ताकि उन्हें नवीनतम अधिसूचनाओं, परिपत्रों, डीजीएसटी के संशोधित प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा सके। इन आउटरीच कैंपों के दौरान उनकी शिकायतों का समाधान भी किया जाता है।
अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर को लागू करने वाला दिल्ली देश का तीसरा राज्य है। विभाग ने मंत्री को सूचित किया कि वे 2005 से लंबित वसूली मामलों के सभी डेटा (ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों) को एकत्रित कर रहे हैं। वे करदाताओं को कर जमा करने के लिए अनुस्मारक के रूप में एसएमएस भी भेज रहे हैं। विभाग अंचल स्तर पर वसूली प्रकरणों के निस्तारण की नियमित मॉनीटरिंग कर रहा है। डिफॉल्टरों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए विभाग की परफॉरमेंस इंडिकेटर (केपीआई) विकसित करने की प्रक्रिया में भी है। एक बार लागू होने के बाद, इससे कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी और राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी। इससे रिटर्न भरने के अनुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा और कर बकाएदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।
--आईएएनएस
Tagsताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरहिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारदैनिक समाचारभारत समाचारखबरों का सिलसीलादेश-विदेश की खबरTaaza Samacharbreaking newspublic relationpublic relation newslatest newsnews webdesktoday's big newstoday's important newsHindi newsbig newscountry-world newstoday's newsNew newsdaily newsIndia newsseries of newsnews of country and abroad

Rani Sahu
Next Story