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उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय में अतिथि शिक्षकों के वेतन के नाम पर घोटाले का मामला आया सामने

Admin Delhi 1
16 Sep 2022 6:00 AM GMT
उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय में अतिथि शिक्षकों के वेतन के नाम पर घोटाले का मामला आया सामने
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दिल्ली ब्रेकिंग न्यूज़: दिल्ली सरकार के मानसरोवर पार्क स्थित उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय में अतिथि शिक्षकों के वेतन के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है। शिक्षा निदेशालय के अधीन 2 सेवारत व 2 सेवानिवृत्त उप प्रधानाध्यापकों ने इस स्कूल में तीन अतिथि शिक्षकों की तैनाती दिखाकर लाखों रुपए वेतन के मद में दिए, जबकि उनकी तैनाती अतिथि शिक्षकों के रूप में उस स्कूल में नहीं थी। साफ है कि सरकारी धनराशि का गबन किया गया। फर्जी तरीके से अज्ञात अतिथि शिक्षकों के नाम पर वेतन जारी किया जा रहा था। ऑडिट में घोटाले की बात सामने आने पर वीरवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को इस संबंध में जांच करने के निर्देश दिए हैं।

चार आरोपी उप प्रधानाध्यापकों में छोटे लाल शास्त्री व सत्येंद्र कुमार शर्मा (सेवानिवृत्त) और राजीव कुमार व रविंदर कुमार जाटव शामिल हैं। कुमार और जाटव अभी भी सेवा में हैं। उपराज्यपाल द्वारा एसीबी को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि 2018 में किए गए एक ऑडिट में पाया गया कि मानसरोवर पार्क स्थित उक्त स्कूल में एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2018 तक काफी विसंगतियां पाई गईं। अतिथि शिक्षकों के वेतन के संबंध में बिल तैयार करने में अनियमितताएं मिली। इस दौरान 4,21,656 रुपए का भुगतान तीन व्यक्तियों को किया गया। समीक्षा आर्य को 1,35,900, उमा शास्त्री को 1,42,078 और छोटे लाल को 1,43,678 रुपए का भुगतान किया गया। तीनों नामों में से कोई भी उक्त स्कूल में नियुक्त नहीं पाया गया। इनमें से उमा शास्त्री उप प्रधानाध्यापक छोटे लाल शास्त्री की पत्नी थीं। 28 अगस्त 2022 को शिक्षा निदेशालय और सतर्कता निदेशालय से उपराज्यपाल के पास आई केस फाइल को देखने के बाद एलजी ने पाया कि मामले की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए। दिल्ली में करीब 25,000 संविदा अतिथि शिक्षकों की सरकारी स्कूलों में नियुक्ति की गई है। अधिकारियों ने बताया कि गड़बडिय़ां और अनियमितताएं पहली बार नवंबर, 2018 में ऑडिट के माध्यम से सामने आयीं, बाद में प्रारंभिक जांच में यह सत्य पायी गयीं जिसके बाद मामला एसीबी को सौंप दिया गया। इसके बाद एसीबी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अनुमति का अनुरोध किया था।

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